बोकारो: बोकारो में आज झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ प्रकाश सिंह के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता, आम-आवाम ने मिलकर बोकारो के गांधी चैक से कंगाल सह कलंक यात्रा निकाला और काला दिवस मनाया. 21 अक्टूबर को झारखंड के मुख्यमंत्री जनता के करोड़ो रूपऐ पानी में बर्बाद कर जन आशीर्वाद यात्रा के तहत बोकारो आ रहे हैं. डॉ सिंह ने कहा आखिर आशीर्वाद क्यों ? चास बोकारो की जनता त्राहिमाम है, विस्थापित क्षेत्र केे 19 गांव को पंचायत का दर्जा डबल इंजन सरकार नहीं दे पायी और न ही सरप्लस जमीन की वापसी हुई. करोड़ों रुपऐ जलापूर्ति योजना घोटाले के बाद भी चास की प्यास नहीं बुझी.
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने कहा था कि 2018 तक 24 घंटे बिजली घर-घर नहीं देंगे तो वोट मांगने नहीं आयेंगे. फिर आज आशीर्वाद क्यों ? जबकि बिजली बिल में भारी हेराफेरी हो रही है. वहीं दूसरी ओर सेल के क्वाटर, सड़क, नाले आदि तमाम चीजों की स्थिति तो जर्जर है. जिन स्कूलों के कारण बोकारो को शिक्षा का हब माना जाता था अब गांजा और चरस के खरीद फरोक का अड्डा बन चुका है. साथ ही पंचायतों के लगभग 198 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं. 21 लाख की आबादी वाले शहर में वादा के बाद भी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुल सके. लाखों शिक्षित युवा बेरोजगारी अवस्था में तनाव झेलने को विवश हैं. बीजीएच सदर एवं अनुमंडल अस्पतालों में ना तो आवश्यक्ता अनुसार ना तो डॉक्टर हैं और न दवाई, आयुष्मान कार्ड निजी अस्पतालों का मोटी कमाई का साधन बन चुका है. प्रधानमंत्री आवास और शौचालय योजना में जमकर लूट की छूट साफ दिखती है. राशन कार्ड, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, जाति, आय, आवासीय आदि प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों के चप्पल घिस जाते हैं. दो लाख की आबादी झुग्गी-झोपड़ी जिन्हें प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला नरकीय जीवन जीने को विवश हैं. मोटर अधिनियम से आम इंसान पुलिस प्रशासन के बूटों तले कुचले जा रहे हैं, डीटीओ ऑफिस ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ₹5000 ले रहा है. शिक्षक हो या सेविका हरेक पारा पर दमनकारी सरकार लाठियां बरसा कर लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने के बाद बैनर पोस्टर और मीडिया में जनता के खून पसीने की कमाई लूटाकर मुख्यमंत्री आशीर्वाद मांगते चल रहे हैं, ताकि झारखण्ड को अडानी और अंबानी के नाम कर सकें. इसे यूं कह सकते हैं कि बिल्ली सौ चूहे खाकर हज को चली.