गिरिडीह: देवरी प्रखंड के जमखोखरो पंचायत में स्वास्थ्य उपचार व्यवस्था नहीं रहने के कारण जमखोखरो पंचायत के अलावे आसपास के कई गांव के हजारों की संख्या में ग्रामीणों को स्वास्थ्य का उपचार करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गांव के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र पंचायत के किसगो में है जिसका उद्घाटन पुरे तामझाम के साथ तीन वर्ष पूर्व में हुआ था.
उद्घाटन होने से लोगों में आस जगी थी कि अब इलाज के लिए कही बाहर जाना नहीं होगा. लेकिन अभी तक वहां कोई चिकित्सक पदस्थापित नहीं किया गया है. जिसके कारण केंद्र बंद रहता है. स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक की सुविधा नहीं रहने के कारण लोग निजी चिकित्सा केन्द्रों पर स्वास्थ्य सम्बंधित सलाह लेकर अप्रिशिक्षित चिकित्सको से उपचार करवाने को मजबूर हैं.
जानकारी के अनुसार, जमखोखरो पंचायत में झोला छाप डाक्टरों के पास दर्जनों की संख्या में लोग उपचार के लिए आते है. जहां पर उपचार के एवज में मनमानी कीमत वसूल की जाती है. कई डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य जांच की फीस भी वसूली की जा रही है. मुखिया चिंतामणि देवी समेत स्थानीय ग्रामीण अर्जुन सिंह, अभिषेक कुमार, रामकृष्ण सिंह, कृष्णा सिंह, सुरेन्द्र मंडल, अनुज राय, मोहन सिंह, केदार मोदी, मदन पाण्डेय, देवनंदन पाण्डेय आदि का कहना है कि प्रशासन द्वारा निजी चिकित्सा केन्द्रों के संचालन पर रोक लगाने के लिए पुर्व के वर्षों में प्रयास तो किया गया. लेकिन स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक नियुक्त कर नियमित उपचार की व्यवस्था के दिशा में कोई पहल नहीं की गयी. फलस्वरूप लोगों को मजबूरन उपचार के लिए निजी चिकित्सको के पास जाना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेन्द्र में चिकित्सक की नियुक्ति कर दिए जाने से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाए मिलने के साथ-साथ पैसों की बचत होगी. मुखिया चिंतामणि देवी का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में चिकित्सक नहीं रहने के कारण उपचार करवाने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस बावत देवरी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी में एक चिकित्सक है. चिकित्सक के अभाव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र किसगो में चिकित्सक नियुक्त नहीं किया गया हैं.