दीपक,
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि बागियों के पाला बदलने का असर पार्टी पर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मांडू और बहरागोड़ा जेएमएम की पारंपरिक सीट रही है. यहां से पार्टी के नेता ही फिर जीतेंगे.
बीएनएन संवाददाता से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बुधवार को पार्टी के विधायक कुणाल षाडंगी और निष्कासित किये गये विधायक जय प्रकाश भाई पटेल भाजपा में शामिल हो गये. इससे पार्टी की सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि बहरागोड़ा का इतिहास रहा है कि वहां झामुमो को भारी सफलता मिलती रही है. पूर्व में भी विद्युत वरण महतो जेएमएम की टिकट से यहां के विधायक बने थे. पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं ने ही कुणाल षाडंगी को झारखंड विधानसभा तक पहुंचाया था.
हालांकि पार्टी नेताओं को यह विश्वास पहले से ही था कि कुणाल षाड़ंगी खेमा बदल सकते हैं, क्योंकि उनके पिता डॉ दिनेश षाड़ंगी पहले भाजपा के मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक जेपी पटेल की बात है, तो उनके पिता टेकलाल महतो झामुमो के कद्दावर नेताओं में से एक थे.
जेपी पटेल को मेरी सरकार में मंत्री पद भी दिया गया था. इसका विरोध भी हुआ था. पर लोकसभा चुनाव 2019 के बाद जो भी राजनीतिक गतिविधियां और समीकरण बदले हैं, यह केंद्र की मोदी सरकार की विपक्ष को तोड़ने की बड़ी साजिश है.
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता सब कुछ देख रही है. विधानसभा चुनाव में मतदाता अपना निर्णय से भाजपा औऱ सहयोगी दलों को सबक सिखायेगी.
उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले राजनीतिक दलों को तोड़ने की परंपरा सत्तारूढ़ दल भाजपा जैसे पार्टियों की ही रहती है.
जल्द हो जायेगा विपक्षी गंठबंधन का मार्ग तय
झामुमो नेता ने कहा कि विपक्षी दलों का गंठबंधन जल्द स्वरूप ले लेगा. झामुमो ने सभी समान विचारधारा वाले दलों के साथ गंठबंधन को लेकर बातचीत पूरी कर ली है.
उन्होंने कहा कि समय का इंतजार किजिए. विपक्ष मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गंठबंधन दल को चुनौती देगा. हालांकि केंद्र की सरकार विपक्ष को तोड़ने का हरसंभव प्रयास कर रही है. पर उसके मंसूबे सफल नहीं होंगे.