रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हमारी संस्कृति, भाषा और परंपरा ही झारखंड की विशिष्ट पहचान है. यह अक्षुण्ण रहे, यही हमारी सरकार की प्राथमिकता है.
सरकार ने पिछले पांच साल में झारखंडी संस्कृति को बढ़ावा देने का काम किया है. सरना-मसना स्थलों की चारदीवारी और सुंदरीकरण, हमारे धर्मगुरुओं को सम्मान राशि, स्थानीय भाषाओं के उन्नयन, अखड़ा के निर्माण आदि में काफी काम किया गया है.
हमारे पूवर्जों ने हमें जो संस्कार दिये हैं, हमें अपनी आनेवाली पीढ़ी को सौंपना है. सरकार लोगों को जागृत करने का प्रयास कर रही है.
धुमकुड़िया भवन का शिलान्यास भी इसी की कड़ी है. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने करमटोली में धुमकुड़िया भवन के शिलान्यास के बाद कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन में सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्य हो सकेंगे. इसका निर्माण इस प्रकार कराया जा रहा है, ताकि आनेवाले समय में इसका विस्तार किया जा सके.
यहां बाहर के आनेवाले जनजातीय समुदाय के बच्चों के ठहरने की सुविधा भी रहेगी. इससे दूसरे जिलों से परीक्षा देने आनेवाले छात्रों को लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारी संस्कृति को नष्ट करने में लगे हुए हैं, उसे हमें बचाना है. इसमें नौजवानों की भूमिका सबसे अहम है.
मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को दीपावली और सोहराय पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि त्योहारों को उमंग से मनायें.
कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, कल्याण विभाग सचिव हिमानी पांडे, विधायक रामकुमार पाहन, गंगोत्री कुजूर समेत अन्य लोग उपस्थित थे.