बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार विज्ञान जगत में किसी क्रांति से कम नहीं हैं, लिखने के लिए आज बॉल पॉइंट पेन का इस्तेमाल पूरी दुनिया में होता है. लेकिन क्या आप इसके इतिहास के बारे में जानते हैं? बता दें, द्वितीय विश्व युद्ध के शुरू होने से तत्काल पहले 1938 में आधुनिक बॉल प्वाइंट पेन का आविष्कार किया गया और इसके आविष्कारक लैडिसलाव जोस बीरो (लैज्लो जोज्सेफ बीरो) थे. आज यानी 29 सितंबर को उनका 118वां जन्मदिन है.
लैडिसलाव जोस बीरो का जन्म 29 सितंबर 1899 को हंगरी के बुडापेस्ट में एक यहूदी परिवार में हुआ. वह पत्रकार, पेंटर और आविष्कारक थे. दरअसल वे फाउंटेन पेनों की स्याही और धब्बों से अक्सर परेशान हो जाते थे. लिहाजा उन्होंने इसका विकल्प तलाशने की सोची. एक बार वह एक अखबार के प्रिंटिग प्रेस में गए और वहां पर तत्काल सूखने वाली स्याही और रोलर देखकर उनको इसे बनाने का विचार सूझा.
अपने भाई की मदद और शुरुआती असफल प्रयोगों और मशक्कत के बाद वह इसका आविष्कार करने में सफल रहे. उन्होंने अपनी खोज का नाम ‘बीरो’ रखा और 15 जुलाई 1938 को इसका पेटेंट करा लिया. ब्रिटेन, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इटली में इसे आज भी ‘ बीरो’ ही कहा जाता है लेकिन अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बॉल प्वाइंट पेन के रूप में पहचाना जाता है.