दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के रूप में क्या कर रहे हैं. हर साल दिल्ली का दम घुट रहा है और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हर साल 10-15 दिनों तक दिल्ली में ऐसे हालात रहते हैं. ऐसा किसी भी सभ्य देश में नहीं होता है.
पिछले 1 नवंबर को केंद्र सरकार ने प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मुख्य वजह पराली जलाना है. केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में 2016-18 के बीच पराली जलाने में 41 फ़ीसदी कमी हुई है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा है कि दिल्ली के आस पास के राज्यों में पंजाब अपने यहां पराली जलाने में रोकने में सबसे निचले पायदान पर रहा है. हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र सरकार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए यूपी, पंजाब और हरियाणा को अतिरिक्त धन मुहैया करा रही है.
आपको बता दें कि जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने पिछले 14 अक्टूबर को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो हलफनामा दाखिल कर ये बताएं कि वो दिल्ली एनसीआर में पराली से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं.