निरज कुमार,
रांची: भारत ने सोमवार को 16 देशों के RCEP व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं बनने का फैसला लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की सत्ता पक्ष तो तारीफ कर ही रहा है, वहीं विपक्ष भी इसे अपनी जीत बता रहा है. हालांकि, पीएम मोदी ने इस समझौते में शामिल न होने के पीछे भारत के हितों को बताया है.
पीएम मोदी ने कहा है, ‘RCEP समझौते का मौजूदा स्वरूप बुनियादी भावना और मान्य मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह जाहिर नहीं करता है. यह मौजूदा परिस्थिति में भारत के दीर्घकालिक मुद्दों और चिंताओं का संतोषजनक रूप से समाधान भी पेश नहीं करता है’.
RCEP यानी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में 10 आसियान देशों के अलावा 6 अन्य देश ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया भी शामिल हैं. समझौता करने वाले देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिलता है. लिहाजा, भारत के समझौते में शामिल होने से चीन को भारतीय बाजार में पैर पसारने का अच्छा मौका मिल जाता .
इसपर रघुवर दास ने अपने ट्विटर हैंडल एकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा है कि जो देश के लिए सही नहीं, उसपर कोई समझौता नहीं. यही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति, मजबूत इरादे और सशक्त नेतृत्व को दर्शाता है. RCEP से मना कर उन्होंने करोड़ों किसानों, डेयरी और लघु उद्योग के हितों की रक्षा की है. उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों, किसानों और उद्यमियों के लिए वरदान साबित होगा. कांग्रेस द्वारा किए नुकसान की भरपाई की है.