श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव हुए तीन महीन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. तमाम प्रतिबंधों के बाद अब वहां हालात सामान्य होने लगे हैं. लेकिन आतंकियों के वहां सामान्य होते हालात हजम नहीं हो रहे हैं. इसलिए अब वह आम लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं. उन्होंने अब मासूम बच्चों के स्कूलों को निशाना बनाया है. आतंकियों ने कुलगाम में दो स्कूलों में आग लगा दी है. फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया. सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया.
सुरक्षाबलों के अनुसार, बुधवार शाम को कुलगाम के दो स्कूलों में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी. स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी दी. इसके बाद फायर ब्रिगेड ने आकर आग पर काबू पाया. घाटी में आतंकियों ने पहले भी स्कूलों को निशाना बनाया है. खासकर 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद आतंकियों ने घाटी में कई स्कूलों को अपना निशाना बनाया था. 5 अगस्त के बाद घाटी में लगाए गए बैन के कारण भी स्कूलों की पढ़ाई बाधित हुई है.
बता दें कि 2016 में आतंकियों ने घाटी में 35 से अधिक स्कूल जला दिए थे. अब कश्मीर में बदले हालात में आतंकी 2016 की तरह ही कश्मीर में मां बाप के अंदर-अंदर दहशत पैदा करने की साजिश रच रहा है. आतंकियों ने 29 अक्टूबर को एक स्कूली इमारत के पास CRPF की टीम पर हमला भी किया था. जिस वक्त हमला हुआ उस वक्त स्कूल में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही थीं. हमले के दौरान ही स्कूल में कई स्टूडेंट्स फंस गए थे, जिन्हें बाद में सेना की टीम ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था.
पुलिस का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी अघोषित बंद के खिलाफ किसी भी आवाज को दबाने के लिए डर का माहौल पैदा कर रहे हैं. पुलिस ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद शुरू हुए बंद के चौथे महीने में प्रवेश करने पर बुधवार को यह बात कही.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उन इलाकों में बंद लागू करने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं, जहां दुकानें खुली हैं या पटरियों पर विक्रेता सामान बेच रहे हैं. शांति विरोधी तत्व लोगों को घरों के भीतर रखने की कोशिश कर रहे हैं.’
अधिकारी ने बताया कि शहर के व्यस्त गोनी खान बाजार और काका सराय इलाकों में दो ग्रेनेड हमले इस बात का संकेत हैं कि बंद को जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.