सब्जी मार्केट में आज कल सब्जियों का रेट सुनते ही ग्राहकों की चीख निकल जाती है और हर कोई बस यही कहता हुआ नजर आ रहा है बाप रे बाप इतनी महंगाई. वहीं महंगाई की मार से हर कोई व्यक्ति परेशान है. लेकिन इन दिनों जिस तरह से सब्जी के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, इससे गरीबों की थाली से प्याज व हरी सब्जी गायब हो गई है. वहीं इस बढ़ोतरी से घरों का बजट भी बिगड़ता चला जा रहा है.
इससे पहले लोग आलू और प्याज के सहारे रहते थे, लेकिन अब प्याज ही बेवफा हो गई है. जिससे मध्यम और गरीब परिवारों की थाली में सब्जी लगभग गायब सी हो गई है. आमतौर पर प्याज व हरी सब्जी पहले 25 से 35 रुपया किलो मिल जाती थी, लेकिन वहीं अब 50 से 100 रुपए से नीचे नहीं मिल रही है.
वहीं अब लोग किलों की जगह पांव से ही संतुष्ट हैं
30 से 35 रुपए किलो में मिलने वाला प्याज अब 80 रुपए किलो बिक रहा है. कल तक एक-एक किलो प्याज खरीदने वाले लोग अब पांवभर से ही खुद को संतुष्ट कर रहे हैं.
बाजार में कम हुए खरीददार
जहां महंगाई ने रसोई में आग लगाई है, वहीं अधिकांश लोग सब्जियों के दाम पूछ कर ही संतोष कर रहे हैं. सब्जी में बढ़ती महंगाई के कारण अब बाजारों में लोगों की भीड़ कम हो रही है. एक ओर भरपूर खरीददार ना मिलने के कारण सब्जी व्यापारियों की सब्जियां भी पड़े-पड़े खराब हो रही है. लोगों का कहना है कि सरकार को अपनी सल्तनत संभालने के अलावा और दूसरा कोई काम है ही नहीं जो इन गरीबों की ओर नजर डालकर इनकी बेबसी पर कोई कदम उठाए. सरकार केवल एक दूसरे से आंख मिचौली खेलने के खेल में मस्त है.