बसपा सुप्रीमो मायावती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ यूपी की सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड में दर्ज केस वापस लेंगी. सूत्रों ने बताया कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद लोकसभा चुनाव की साझा चुनावी रैलियों के बीच अखिलेश यादव ने बसपा नेतृत्व से इस कांड में नामजद मुलायम सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा वापस लेने की अपील की थी. लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस कांड के सभी आरोपियों के नाम मुकदमे से वापस होंगे या फिर मुलायम सिंह यादव के.
जानकारी के अनुसार सपा-बसपा का गठबंधन के दौरान ही गेस्ट हाउस कांड से केस वापस लेने की पथकथा लिखी गई थी. फरवरी में दोनों पक्षों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में गेस्ट हाउस केस वापस करने की अर्जी भी दे दी थी, जिस पर दो डेट भी पड़ चुकी है. इस तरह से गठबंधन टूटने के बाद भी मायावती अपने वादे पर कायम हैं और अब जल्द ही गेस्ट हाउस कांड में मुलायम के खिलाफ आखिरी तौर पर केस वापस ले सकती है. हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा और बसपा ने अलग-अलग चुनाव लड़े. सपा को तीन सीटें मिलीं लेकिन बसपा खाता भी नहीं खोल सकी.
2 जून 1995 को हुआ था स्टेट गेस्ट हाउस कांड
यूपी की राजनीति में 2 जून 1995 का दिन स्टेट गेस्ट हाउस के रूप में जाना जाता है. मायावती पर हमले के विरोध में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, सपा के वरिष्ठ नेता धनीराम वर्मा, मोहम्मद आजम खां, बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई नेताओं के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे. यह मामला आज भी अदालत में लंबित है.