अतुल कुमार,
गुमला: नामांकन शुरू होने के साथ सिसई, गुमला और बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में सियासी सरगर्मी बढ़ सी गयी है. गुमला को छोड़कर सिसई और बिशुनपुर में भाजपा और झामुमो आर-पार की लड़ाई में जूझने वाले है.
अभी तक की स्थिति में लड़ाई का कोई तीसरा कोण नजर नहीं आ रहा है. भाजपा में टिकट के दावेदार रांची-दिल्ली दौड़ एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. अब समय दूर नहीं है जब उम्मीदवारों के चेहरे सबके सामने होंगे.
यहां पहले चरण में 30 नवंबर को मतदान होना है. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई है.
लेकिन बड़े दलों के उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने में अभी देर होगी. अगर गठबंधन के तहत सीटें नहीं बदलीं तो भाजपा और झामुमो के बीच आमने-सामने की लड़ाई तय है.
आदिवासी जनजाति बहुल सिसई विधानसभा क्षेत्र को भाजपा अपने गढ़ के रूप में मानता आया है. झामुमो समर्थकों के अनुसार इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन होने से गैर आदिवासियों का भी एक बड़ा तबका उनके साथ है.
वहीं, झामुमो को यह भी उम्मीद है कि इस क्षेत्र से कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं देगा और इससे आदिवासी मतों में बिखराव नहीं होगा.
दूसरी तरफ भाजपा समर्थकों का दावा है कि सिसई और बिशुनपुर आज भी उसका मजबूत किला है, इसी बीच गुमला की स्थिति भाजपा के लिए असमंजस पैदा कर रही है.
सिसई विधानसभा क्षेत्र में 2005 में समीर उरांव ने भाजपा से जीत हासिल की थी, इसकव बाद फिर 2014 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिनेश उरांव सीट पर कब्जा किया.
गत लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में अपनी पार्टी को मिली बढ़त से भाजपा समर्थक काफी उत्साहित हैं.
बिशुनपुर में झामुमो सेकेगी राजनीतिक रोटियां
वहीं बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से अपने विधायक चमरा लिंडा पर ही झामुमो एक बार फिर दांव खेलने जा रहा है. उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू भी कर दिया है.
वे इलाके में आदिवासियों के उत्थान और जन कल्याण के लिए किये गये अपने काम गिना रहे हैं और इधर भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची दिख रही है.
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल हो गये हैं.
इससे बिशुनपुर में भाजपा को बल मिलेगा. लोकसभा चुनाव के बाद परिस्थितियों में आये बदलाव से इस सीट की लड़ाई रोमांचक दिखने लगी है.
चुनाव वर्ष | विधायक | राजनीतिक दल |
2014 | चमरा लिंडा | झारखण्ड मुक्ति मोर्चा |
2009 | चमरा लिंडा | RAKAP |
2005 | चंद्रेश उरांव | भाजपा |
गुमला विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी
गुमला विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी की माने तो भाजपा की स्थिति डगमगाती नज़र आ रही है. गुमला विधानसभा क्षेत्र से गठबंधन के कारण कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़े करने की जुगत में जुटी हुई है.
हालांकि कांग्रेस ने भी अभी तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है. लेकिन गुमला विधानसभा क्षेत्र से महिला कांग्रेस के अध्यक्ष अमृता भगत, युवा कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश तिग्गा, जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सह नगर परिषद अध्यक्ष दीपनारायण उरांव, पूर्व विधायक वैरागी उरांव, अलबर्ट तिग्गा, हेमावती लकड़ा, रामेश्वरी उरांव, रीता कुजूर, बिशुनपुर विधान सभा क्षेत्र से प्रदेश महिला उपाध्यक्ष बॉबी भगत, महासचिव रामेश्वरी उरांव, चंद्रशेखर भगत, पूर्व मंत्री भुखला भगत आदि के नाम आ रहे हैं.
अब पार्टी के आलाकमान के हाथों का कमाल देखना दिलचस्प होगा कि किसे अपना लकी नम्बर देकर क्षेत्र में विजय का झंडा गाड़ेगी.
चुनाव वर्ष | विधायक | राजनीतिक दल |
2014 | शिवशंकर उरांव | भाजपा |
2009 | कमलेश उरांव | भाजपा |
2005 | भूषण तिर्की | झामुमो |
सिसई विधानसभा क्षेत्र में बढ़ता राजनीति का तापमान
सिसई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवारों के नामों पर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. कहीं से जोरों की चर्चा हो रही है कि पुनः एक बार तत्कालीन विधायक सह स्पीकर दिनेश उरांव को ही आलाकमान टिकट सौंपेगी.
तो कभी हाल में ही झारखण्ड पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुई जिप अध्यक्ष किरण बाड़ा के नामों की भी चर्चा जोरों पर है. इसी बीच कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में नए शामिल हुए अरुण उरांव का भी नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है.
इसी बीच सभी नामित उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश करने से नहीं कतरा रहे हैं. अब जल्द ही वह दिन आ जायेगा जब उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पार्टी की आलाकमान करेगी.
चुनाव वर्ष | विधायक | राजनीतिक दल |
2014 | दिनेश उरांव | भाजपा |
2009 | गीताश्री उरांव | कांग्रेस |
2005 | समीर उरांव | भाजपा |
सिसई और गुमला इन दो सीटों पर पेच फंसता दिखाई दे रहा है. दोनों सीटों पर भाजपा के विधायक हैं.
सिसई से दिनेश उरांव और गुमला से शिवशंकर उरांव विधायक है. इस बीच कांग्रेस से अरुण उरांव को भाजपा में शामिल किया गया है.
अब इन दोनों सीटों में कहां से उन्हें चुनाव लड़ाया जाएगा यह देखना काफी दिलचस्प होगा.
पिछले वर्ष की तुलना 103 नए बूथ बने
ज्ञात हो कि विस चुनाव 2019 के लिए गुमला जिला में 994 बूथ बनाए गए हैं. वर्ष 2014 के विधान सभा चुनाव की तुलना में इस बार 103 मतदान केन्द्र में बढ़ोतरी की गई है.
उपायुक्त शशिरंजन ने बताया है कि गुमला विधान सभा में कुल 313 बूथ बनाए गए हैं यहां मतदाताओं की कुल संख्या 218475 है बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 349 बूथ बनाए गए हैं.
यहां 232419 मतदाता हैं. सिसई में 332 बूथ बनाए गए हैं. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 229723 है. इन सबके अलावे गुमला जिले में 80 वर्ष से अधिक आयु वाले कुल 8884 वरिष्ठ मतदाता हैं.
जिसमें सिसई विधानसभा क्षेत्र में 80 वर्ष से अधिक आयु वाले 3134 वरिष्ठ मतदाता, गुमला विधानसभा क्षेत्र में 2789 तथा बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में 2961 वरिष्ठ मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है.
इसी प्रकार पूरे जिले भर में कुल 9359 दिव्यांग मतदाता हैं जिसमें सिसई विधानसभा क्षेत्र में 2337 दिव्यांग मतदाता, गुमला विधानसभा क्षेत्र में 3730 दिव्यांग मतदाता एवं बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में 3292 दिव्यांग मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है.
प्रशासनिक व्यवस्था
मतगणना 23 दिसंबर को होना है. इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त शशिरंजन ने बताया है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है.
आदर्श चुनाव आचार संहिता के दायरे में आने वाले सभी नियमों का आयोग के गाइड लाइन के अनुरूप अनुपालन किया जाएगा. गुमला विधानसभा क्षेत्र के लिए एसडीओ, बिशुनपुर लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं सिसई लिए बसिया एसडीओ को एआरओ नियुक्त किया गया हैं.