रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर तीन प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है.
गठबंधन के तहत कांग्रेस 31, झारखंड मुक्ति मोर्चा 43 और राजद के खाते में 7 सीटें गयी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गठबंधन में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत ने शुक्रवार को रांची में संयुक्त संवाददाता में गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा की घोषणा करते हुए बताया कि किसी भी सीट पर कोई दोस्ताना संघर्ष नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि यदि समझौते के विपरीत किसी भी दल का कोई नेता चुनाव मैदान में उतरता है, तो संबंधित पार्टियां तत्काल उसे संगठन से बाहर निकालने का काम करेगी.
आरपीएन सिंह ने बताया कि राजद के लिए सात सीटें देवघर, गोड्डा, कोडरमा, चतरा, बरकट्टा, छतरपुर और हुसैनाबाद छोड़ी गयी है.
उन्होंने पहले चरण में 30 नवंबर को राज्य की 13 सीटों के लिए होने वाले विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दलों के बीच तीनों दलों के कोटे में गयी सीटों की घोषणा करते हुए बताया कि गुमला, बिशुनपुर, लातेहार और गढ़वा विधानसभा सीट पर झामुमो उम्मीदवार होगा.
वहीं लोहरदगा, मनिका, पांकी, डालटनगंज, विश्रामपुर और भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. जबकि छत्तरपुर, हुसैनाबाद और चतरा से राष्ट्रीय दल जनता प्रत्याशी उतारेगा.
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गठबंधन की घोषणा के वक्त राजद के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति पर दावा किया कि सीटों के बंटवारे के पूर्व राजद से सहमति प्राप्त कर ली गयी है.
उन्होंने कहा कि झामुमो लगातार राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव से संपर्क में है, वहीं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सरकार के कोप भाजन का शिकार बनना पड़ा है.
उन्हें सुनियोजित तरीके से जेल में रखा गया है. जिस तरह से जेल में उनके साथ कड़ाई की जा रही है, उससे ऐसा लगता है कि लालू प्रसाद देश के किसी बड़े आतंकी है. हेमंत सोरेन ने कहा कि राजद की कुछ मांगे है, उसका समाधान कर लिया जाएगा.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कांग्रेस और झामुमो नेताओं ने कहा कि समय आने पर दूसरे चरण के सीटों के बंटवारे समेत अन्य सभी चीजें भी स्पष्ट हो जयेगी और कहीं भी किसी सीट का झगड़ा नहीं रहेगा.