कर्मवीर,
रांची: झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच महागठबंधन बन गया है. झामुमो 43, कांग्रेस 31 और राजद 7 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
महागठबंधन के तहत सम्भावना जतायी जा रही है कि हटिया विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में आने वाली है. इस लिहाज से प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने हटिया सीट के लिये कुछ उम्मीदवारों के नामों को शॉर्टलिस्ट किया है. संभावितों की सूची में सुबोधकांत सहाय, लाल किशोर नाथ शाहदेव, अजय नाथ शाहदेव, आलोक दुबे, बिनय सिन्हा (दीपू) और रवीद्र सिंह का नाम शामिल है.
सूत्रों की माने तो हटिया के संभावितों की सूची में सुबोधकांत सहाय का नाम आने से वो खुश नहीं है. अपनी निजी राय से अवगत कराने के लिये सहाय कांग्रेस आलाकमान से मिल चुके हैं. कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल समेत कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलकर सुबोधकांत सहाय ने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा से उन्हें अवगत करा दिया है.
अपने करीबियों को भी चुनाव लड़ाने के पछ में नहीं सुबोधकांत
सूत्रों की माने तो मुलाकात के दौरान सहाय ने उन कयासों पर भी विराम लगाने की पूरी कोशिश है, जिसमें कहा जा रहा था कि सहाय अपने किसी करीबी को चुनाव लड़ाना चाहते है. सुबोधकांत सहाय ने आलाकमान से हटिया विधानसभा सीट से किसी युवा चेहरे को मौका देने की बात कही है. उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अपने किसी नजदीकी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं.
2012 विधानसभा उप चुनाव से कांग्रेस का परफॉर्मेंस रहा खराब
हटिया विधानसभा सीट पर एक समय था, जब भाजपा और कांग्रेस का दबदबा बना रहता था. इस सीट से राजघराने परिवार के गोपाल शरण नाथ शाहदेव वर्ष 2009 में विधायक चुने गए थे, लेकिन 2012 में उनके असमायिक निधन से इस सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा. इस चुनाव में सुबोधकांत सहाय के छोटे भाई सुनील सहाय कांग्रेस के उम्मीदवार बने और बुरी तरह चुनाव हारे. उसके बाद वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई.