रांची: झारखंड कांग्रेस में भूचाल आ गया है. झामुमो और राजद के साथ गठबंधन के बाद कई परंपरागत सीट पार्टी के हाथ से निकल जाने के बाद विभिन्न जिलों में कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू के भी कांग्रेस से त्यागपत्र देने की चर्चा जोरों पर है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई महीनों से घाटशिला में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे प्रदीप कुमार बलमुचू को यह अंदेशा सता रहा है कि गठबंधन के तहत यह सीट झामुमो के खाते में चली गयी है,क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो ही यहां दूसरे स्थान पर था, ऐसी स्थिति में प्रदीप बलमुचू ने पहले झामुमो नेताओं को यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, बाद में गठबंधन के तहत झामुमो के खाते में जाने की स्थिति में बलमुचू ने झामुमो नेताओं को यह भी ऑफर दिया कि उन्हें ही झामुमो उम्मीदवार बना दें और झामुमो नेता रामदास सोरेन को बगल के पोटका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारे, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो बलमुचू ने कांग्रेस को बॉय-बॉय करने का इरादा कर लिया है.
बताया गया है कि बलमुचू ने भाजपा से गठबंधन नहीं होने की स्थिति में आजसू पार्टी उम्मीदवार के टिकट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है, लेकिन भाजपा-आजसू पार्टी के बीच गठबंधन हो जाता है, तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे या फिर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हर हाल में उनका चुनाव लड़ना तय है.
दूसरी तरफ पश्चिमी सिंहभूम जिले की कई सीटें झामुमो के खाते में चले जाने से नाराज सांसद गीता कोड़ा भी नाराज है, वहीं पश्चिमी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी के कई सदस्यों ने सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है.