नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की छह महीने की छोटी अवधि में ही दशकों पुराने तीन मुद्दों (अनुच्छेद 370, राम मंदिर और समान नागरिक संहिता) में से दो मुद्दों का हल निकाल लिया. अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद शुक्रवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का राह प्रशस्त हुआ. इससे पहले सरकार ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया.
हालांकि भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति की झोली में अब सिर्फ समान नागरिक संहिता का मुद्दा नहीं बचा है. इससे पहले सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून, नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है.
दरअसल वर्तमान स्थिति भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति के अनुकूल है. लोकसभा में जहां पार्टी और राजग को प्रचंड बहुमत हासिल है, वहीं राज्यसभा में भी राजग धीरे धीरे बहुमत की ओर बढ़ रहा है. बीती सदी के नब्बे के दशक में हिंदुत्व की राजनीति का मुखर विरोध करने वाले कई विपक्षी दल नरम हिंदुत्व की राह पर हैं.
इसी के परिणामस्वरूप उच्च सदन में बहुमत न होने के बावजूद सरकार अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इससे पहले तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले बिल को पारित करा पाई.