नई दिल्ली: डॉ. एसपी वैद जो की जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी है. वो भारतीय सेना की 150 स्नाइपर राइफल देकर मदद करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व से बात भी की थी, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला. ये बात डॉ. एसी वैद ने जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद बताई.
उन्होंने कहा कि पुलिस की नौकरी में लगातार राजनीतिक दबाव झेलना पड़ता है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मुफ्ती मोहम्मद सईद, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती के साथ काम किया. वैद कहते हैं कई बार दबाव आए लेकिन सभी को टैकल किया और फैसले नहीं बदले. डॉ. वैद इसके साथ ही वह एक घटना बताते हुए अफसोस भी जताते हैं.
उनके मुताबिक, पाकिस्तानी सेना जब हमारे जवानों को स्नाइपर से अधिक निशाने बनाने लगी तो सेना ने स्नाइपर राइफल की मदद मांगी थी. हमारे पास तकरीबन 150 राइफलें थीं, जो डीजीपी रहते मैंने एसओजी के लिए मंगाई गई थीं.
इस पर सेना को राइफलें देने के लिए तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व से बात भी की लेकिन उन्होंने कोई भी जवाब ही नहीं दिया. पूर्व डीजीपी वैद ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की ओर था.
बता दें कि पूर्व डीजीपी डॉ. वैद को राजनीतिक दबाव में स्नाइपर राइफल से सेना की मदद न कर पाने तथा आतंकी अजहर मसूद को छोडे़ जाने का आज भी मलाल है. पुलिस विभाग में 34 साल से अधिक समय तक अलग-अलग पदों पर रहे डॉ. वैद हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं.