रांचीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने आखिरकार गुरुवार को आजसू का दामन थाम लिया. आजसू का दामन थामने के बाद बलमुचू ने कहा कि ये पार्टी मेरे लिए नयी नहीं है.
जब हमने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी, उस समय से आजसू के आंदोलन से जुड़ा हुआ हूं. वहीं की उपज भी हूं. इसी माटी से जुड़े हैं. कांग्रेस से तीन बार लगातार विधायक बने और सांसद भी बने.
आजसू ज्वाइन करने के सवाल पर कहा कि कई तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं. कहा जा रहा है कि चुनाव लड़ने के लिए आजसू ज्वाइन किया हूं.
इस पर स्पष्ट करना चाहता हूं कि चुनाव तो कांग्रेस लड़ाना चाह रही है, लेकिन वे घाटशिला से नहीं बल्कि दूसरी जगह से. अगर पूरी तैयारी के बाद घाटशिला छोड़ दूसरे जगह से चुनाव लड़े तो कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं व वोटरों के साथ बेईमानी होगी. इसलिए रायशुमारी के बाद आजसू ज्वाइन करने का कठोर निर्णय लेना पड़ा.
नौजवानों की पार्टी है आजसू-
बलमुचू ने कहा कि आजसू नौजवानों की पार्टी है. ताकत के साथ काम करने वाले लोग हैं.
सुदेश महतो 90 फीसदी समय सत्ता में रहे. लेकिन सत्ता में रहने के बाद स्थानीय मुद्दों को मुखर होकर सरकार के समक्ष रखा.
आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलन के एक बड़े नेता रहे प्रदीप बलमूचू के पार्टी में शामिल होने से संगठन को मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा कि बलमुचू को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने के मुद्दे पर पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में फैसला लिया जाएगा, आज वे पार्टी में शामिल हो रहे हैं उनका संगठन में स्वागत है.