भारतीय सेना में पहली महिला न्यायाधीश ज्योति शर्मा की नियुक्ति की गई है. ज्योति शर्मा लेफ्टिनेंट कर्नल महिला जज एडवोकेट जनरल अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में कार्य करेंगी. वह सैन्य कानूनी विशेषज्ञ के रूप में पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स की सरकार को अपनी सेवाएं देंगी.
भारतीय सेना में यह पहला मौका है. जब किसी महिला न्यायाधीश की नियुक्ति की गयी है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि इससे पहले किसी भी महिला को न्यायाधीश के तौर पर भारतीय सेना में नियुक्त नहीं किया गया है. ज्योति शर्मा विदेश से जुड़े मामले देखेंगी.
भारत में न्यायाधीश एडवोकेट जनरल अधिकारी का पद सेना के लेफ्टिनेंट को दिया जाता है. यह सेना का न्यायिक प्रमुख होता हैं. भारतीय सेना की न्यायाधीश एडवोकेट जनरल एक अलग विभाग है. इसमें कानूनी रूप से योग्य सेना के अधिकारी शामिल होते है. गौरतलब है कि एडवोकेट जनरल अधिकारी सभी तरह से सेना को कानूनी मदद देते हैं.
सेना में शादीशुदा महिलाओं का प्रतिबंध
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने अपनी कानूनी शाखा न्यायाधीश एडवोकेट जनरल में आवेदन करने के लिए विवाहित महिलाओं पर प्रतिबंध लगाया हैं. इसे लेकर अदालत में याचिका भी दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेना को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि सेना चाहती है कि महिलाएं कठिन ट्रेनिंग को बिना किसी छुट्टी के पूरा करे.