मुख्य बिंदु
- 2019 में झारखंड की जनसंख्या बढ़कर हो गई है 3.78 करोड़
- 973810 परिवारों की हो गई है वृद्धि
रांची 28 जून: राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री राम विलास पासवान को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि है प्रति परिवार करीब पांच व्यक्ति की औसत संख्या के मुताबिक झारखंड में 9,73,810 परिवार 2011 की जनसंख्या की तुलना में बढ़ गये हैं।
बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण सम्प्रति झारखंड के विभिन्न जिलों को मिलाकर कुल 8,45,984 राशन कार्ड के आवेदन लंबित है। यदि वर्ष 2019 की जनसंख्या को आधार स्वीकार कर लिया जाये तो इन सभी परिवारों को राशनकार्ड निर्गत किया जा सकता है।
इस आधार पर राशन कार्ड की संख्या में वृद्वि करना उचित प्रतीत हो रहा है। यदि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के मानक (ग्रामीण क्षेत्र में 86.4 प्रतिशत एवं शहरी क्षेत्र में 60.2 प्रतिशत) के अनुसार वर्तमान जनसंख्या को राशन देने तथा इसके अनुसार राशन कार्ड बनाने की व्यवस्था हो तो सभी पात्र लाभुकों को राशन कार्ड मुहैया कराया जा सकता है।
झारखंड में जनसंख्या में हो गई है वृद्धि
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के मुताबिक 2011 की जनसंख्या के आधार पर झारखंड में अधिकतम 2,64,43,330 लोगों को ही राशन दिया जा सकता है। भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिये 1.64 प्रतिशत वार्षिक वृद्वि के आधार पर जनसंख्या का आकलन किया जा रहा है। इस हिसाब से वर्तमान दशक में जनसंख्या वृद्वि की दर 16.40 प्रतिशत के आस-पास है। इस वृद्वि दर के परिप्रेक्ष्य मे वर्ष 2019 में झारखंड की जनसंख्या बढ़कर करीब 3,78,57,182 हो गई है।
केंद्रीय मंत्री से किया आग्रह
सरयू राय ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वर्ष 2019 की जनसंख्या को राशन देने का आधार निर्धारित किया जाये और तदनुरूप अनुदानित दर पर मिलने वाले चावल और गेहूं की मात्रा (कोटा) में राज्यवार वृद्वि करने का निर्णय लिया जाये। यह झारखंड सहित देश के सभी राज्यों पर समान रूप से प्रभावी होगा।