दीपक,
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में सभी राजनीतिक दल बागियों को लेकर परेशानी में हैं. इसका सबसे अधिक दंश भाजपा को झेलना पड़ रहा है. भाजपा ने एक दर्जन से अधिक सीटिंग एमएलए पर दुबारा भरोसा नहीं जताया है.
निवर्तमान विधायक फूलचंद मंडल, अमित यादव, ताला मरांडी, राधाकृष्ण किशोर दूसरे दलों का दामन थाम कर भाजपा के लिए परेशानी का सबब साबित हो सकते हैं. इनमें से अधिकतर विधायक हैं और चुनावी समर का दांव-पेंच इन्हें भली-भांति समझ में आता है. ऐसे में सत्तारूढ़ दल या महागठबंधन को कमजोर करने में ये कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे.
ये सभी वे नेता हैं, जिन्हें भाजपा की तरफ से टिकट नहीं दिया गया. कुल मिला कर बागियों के तेवर तल्ख हैं और वे आरपार के मूड में भी हैं. इसी बीच फूलचंद मंडल और ताला मरांडी को झामुमो का टिकट मिल गया है. राधाकृष्ण किशोर आजसू पार्टी से छतरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. ये विधायक चुनावी समर में अपने पुराने दल के खिलाफ जोर आजमाईश कर रहे हैं. इसका असर कितना होगा यह आनेवाला समय ही बतायेगा.
भाजपा के पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला ने बरही से टिकट नहीं मिलने पर दूसरे दल का दामन थाम लिया है. इन सभी को अपनी सीट बचाने का दारोमदार ही नहीं, बल्कि भाजपा और महागठबंधन से चुनौती भी है.
कांग्रेस में भी मचा है घमासान
कमोबेश यही स्थिति कांग्रेस पार्टी की भी है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रहे प्रदीप बलमुचू को घाटशिला से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने आजसू पार्टी ज्वाईन कर ली. प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को लोहरदगा से और हटिया से अजय नाथ शाहदेव को टिकट दिये जाने से भी पार्टी में घमासान मचा हुआ है.
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पार्टी नेताओं ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में जाकर झारखंड के चुनाव प्रभारी और वर्तमान पदाधिकारियों के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी है. प्रदीप बलमुचू अब घाटशिला से आजसू पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. मानस सिन्हा जिन्होंने भवनाथपुर से टिकट की उम्मीद की थी. इन्हें भी टिकट नहीं मिला. ये भी आजसू में शामिल हो गये हैं. ऐसे में बसपा के विधायक रहे कुशवाहा शिवपूजन मेहता भी आजसू पार्टी में शामिल हुए हैं.
झामुमो में भी परेशानी कम नहीं
झामुमो भी इस तरह की परेशानी से जुझ रहा है. पूर्व विधायक अकील अख्तर ने पाकुड़ से उम्मीदवार नहीं बनाये जाने पर दल बल के साथ आजसू पार्टी ज्वाइन कर ली है. ये अब महागठबंधन के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक आलमगीर आलम के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. वहीं पार्टी के केंद्रीय सदस्य अंतु तिर्की ने रांची से टिकट नहीं मिलने पर झारखंड विकास मोर्चा ज्वाइन कर खिजरी से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. हालांकि भाजपा की गंगोत्री कुजूर, विमला प्रधान के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है.