जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा चुनाव रोचक होने का संकेत मिलने लगा है. जहां बीते 25 सालों से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा भाजपा का जीत रहा है, लेकिन इस बार इस किले में सुराख साफ देखा जा सकता है.
वैसे इस सुराख का सूत्रधार कोई और नहीं बल्कि भाजपा के बागी झारखंड के राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले सरयू राय होंगे ऐसा माना जा रहा है. जिन्होंने इतने कद्दावर नेता का टिकट जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा से काटकर उनके स्थान पर मुख्यमंत्री के करीबी को टिकट दे दिया.
उधर टिकट काटे जाने की चर्चा होते ही सरयू राय ने अपना रास्ता अलग कर लिया और पहले तो जमशेदपुर पश्चिम और पूर्वी दोनों विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ने का फैसला ले लिया, लेकिन कल नामांकन के अंतिम दिन उन्होंने केवल जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट यानि भाजपा के पारंपरिक और मुख्यमंत्री रघुवर दास के अभेद्य किले में सुराख बनाने की ठान ली और नामांकन दाखिल कर चुनावी समर में कूद पड़े हैं.
सरयू राय के चुनावी समर में कूदते ही लगभग संपूर्ण विपक्ष सरयू राय के साथ खड़ा हो गया है. जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से संजय ठाकुर और पश्चिमी विधानसभा सीट से संजीव आचार्य ने नामांकन दाखिल नहीं किया वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खुलकर सरयू राय का समर्थन करने का फरमान जारी कर दिया.
उधर केंद्रीय आलाकमान से निर्देश मिलते ही जदयू और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार को आपात बैठक बुलाई जहां शीर्ष नेतृत्व का हवाला देते हुए दोनों ही दलों के नेताओं ने सरयू राय के लिए तन- मन और धन से प्रचार प्रसार करने का एलान कर दिया है.
हालांकि अभी भी झारखंड विकास मोर्चा और कांग्रेस चुनावी मैदान में डटे हुए हैं, लेकिन जिस तरह से सरयू राय को स्थानीय जनता और नेताओं का समर्थन मिल रहा है ऐसी संभावना है कि झारखंड विकास मोर्चा और कांग्रेस आलाकमान भी अंतिम समय में सरयू राय को समर्थन देने का फरमान जारी कर सकते हैं.
वैसे बीते 25 सालों से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर सिर्फ और सिर्फ कमल ही खिलता आया है. बाकि विपक्ष में चाहे कोई भी प्रत्याशी रहा है उसे मुंह की खानी पड़ी है.
ऐसे में पूरे झारखंड की राजनीति जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा पर टिक गई है. जहां से मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मंत्री सरयू राय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
सूत्र की माने तो सरयू राय को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन करने और जरूरत पड़ने पर प्रचार और रोड शो भी करने का वायदा किया है. इसके अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा सरीखे नेताओं पर भी सहयोग का भरोसा माना जा सकता है.