रांची: रांची मण्डल के हटिया यार्ड में दोपहर 03.00 बजे रेल दुर्घटना बचाव कार्य का रेलवे और एनडीआरएफ़ की टीम के साथ संयुक्त अभ्यास किया गया. इसमें रांची मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक नीरज अंबष्ठ के नेतृत्व में सभी विभागों के प्रमुख ने हिस्सा लिया. अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (परिचालन) एम एम पंडित और अपर मण्डल रेल प्रबन्धक (इन्फ्रा) अजीत सिंह यादव भी पूरी स्थिति पर नज़र रखे हुए थे. वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबन्धक सह मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी नीरज कुमार ने कंट्रोल में रहकर पूरी यातायात स्थिति को नियंत्रित किया.
इस संयुक्त अभ्यास मुख्य उदेश्य प्रभावित यात्रियों को यथाशीघ्र सभी प्रकार की मद्द करना , किसी दुर्घटना के वक़्त सभी विभागों में समन्वय की जांच करना. यदि उनमें कोई कमी है तो उसकी पहचान कर उसे ठीक करना तथा सुनिश्चित समय में तत्परता से कार्य किए गए या नहीं , यह देखना था.
स्थानीय निकायों व दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्यालय को इसकी सूचना दी गई थी. राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धक की टीम, राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस विभाग, अग्निशमन, डॉक्टर, अंबुलेंस, स्काउट एंड गाइड के सदस्य , रेल सुरक्षा बल, आदि सभी विभागों के कर्मचारी अपने अपने उपकरणों के साथ हूटर बजते ही दुर्घटना स्थल की ओर रवाना हुए. रेल दुर्घटना बचाव कार्य में विशेष रुप से राष्ट्रीय आपदा मोचन टीम, राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, विभिन्न अस्पतालों के एंबुलेंस, स्काउट एवं गाइड के सदस्य ने विशेष रूप से राहत कार्य किया जिससे रेल प्रशासन को अपना कार्य सुचारू रूप से जल्द से जल्द करने में सहायता हुई.
साथ में टावर कार, 140 टन की क्रेन, दुर्घटना सहायता ट्रेन को भी तुरंत रवाना किया गया. प्रतीकात्मक रूप से ट्रेन संख्या 08310 विंटर स्पेशल जम्मूतवी मूरी सम्बलपुर एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे घटनास्थल पर गिराए गए थे. कई लोग नकली रूप से हताहत हुए और अनेक घायल. इन घायलों को अविलंब उपस्थित डॉक्टरों ने मुआयना कर प्राथमिक चिकित्सा की, गंभीर घायलों को अस्पताल भिजवाया गया. हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए. 140 टन क्रेन , ड्रोन कैमरा, वीडियो कैमरा , स्टील फोटोग्राफी, वाई-फाई, फ़ैक्सआदि सभी संसाधन घटनास्थल पर उपलब्ध करवाए गए थे। 20 डमी बनाए गए थे. जो डिब्बो के बीच फंसे हुए थे , उन्हें दुर्घटना के वक़्त डिब्बे के बीच से निकालने के लिए कटर की व्यवस्था की गई थी.
अनेक तरह के उपकरण पहली बार प्रयोग में लाये गए. सबसे अच्छी बात यह रही कि इस दौरान नियमित चलने वाली रेल गाड़ियों में किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं हुआ. सभी विभागों तथा अन्य संगठनों ने सफलता पूर्वक अपनी अपनी भूमिका एवं कर्तव्य का निर्वाह किया. दुर्घटना राहत कार्य में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अवनीश, वरिष्ठ मंडल अभियंता (समन्वय ) में अमित कंचन, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी चैतन्य सिंघ, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता एस उरांव, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता पी के डे, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (सामान्य) कुलदीप कुमार एवं सभी विभागों के कर्मचारियों की टीमों ने दुर्घटना स्थल पर बहुत अच्छी तरह से राहत एवं बचाव के कार्य किए हैं.
टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट एन डी आर एफ कुलदीप गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट एन डी आर एफ हरिचरण प्रसाद, इंस्पेक्टर एन डी आर एफ पी पी डूंग डूंग ने किया.