रांची: विधायक का टिकट कटने और उसके पार्टी बदलकर चुनाव मैदान में खड़े हो जाने से छतरपुर विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. अब तक भाजपा के सदस्य और विधायक रहे राधाकृष्ण किशोर मैदान में उसी पार्टी के प्रतिद्वंद्वी हैं. पूर्व मंत्री सुधा चौधरी इसे त्रिकोणीय संघर्ष में बदलने की जुगत में है. राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी भी किस्मत आजमा रहे हैं. हर प्रत्याशी को जीत की छतरी उनके सिर पर होने का भरोसा है.
लोकसभा परिणाम से बीजेपी उत्साहित
लोकसभा के चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी उत्साहित है. लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट से बीजेपी ने राजद के मुकाबले 60 हजार 561 मतों की बढ़त बनाई थी. पार्टी को पूरा भरोसा है कि विधानसभा चुनाव में भी यही स्थिति कायम रहेगी. सरकार द्वारा विधानसभा क्षेत्र में चलाई गई योजनाओं का लाभ मिलने की भी उम्मीद है.
आंकड़े ये बताते हैं
पिछले तीन चुनाव पर नजर डालें तो 2005 में जदयू के टिकट पर राधा कृष्ण किशोर ने जीत हासिल की थी. 2009 में इस सीट पर जदयू की सुधा चौधरी ने जीत दर्ज की थी. वह सरकार में मंत्री भी बनीं. राधाकृष्ण किशोर ने पार्टी बदलकर 2014 में भाजपा से चुनाव लड़ा. जीत हासिल की. उन्होंने राजद के मनोज कुमार को पराजित किया था.
बदली है स्थिति
छतरपुर विधानसभा सीट पर इस बार स्थिति बदली हुई है. भाजपा ने विधायक राधाकृष्ण किशोर को टिकट नहीं दिया. भाजपा ने इस सीट से पूर्व सांसद मनोज भुईंया की पत्नी पुष्पा देवी पर भरोसा जताया है. टिकट कटते ही राधाकृष्ण किशोर आजसू में शामिल हो गए. आजसू ने उन्हें टिकट भी दे दिया है. इसी सीट पर जदयू से सुधा चौधरी, राजद से विजय कुमार, जेवीएम से धर्मेन्द्र प्रकाश बादल, बसपा से वीरेन्द्र कुमार पासवान और लोजपा से शशिकांत खड़े हैं.