रांची: 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 13 सीटों के लिए मतदान होना है. इस सिलसिले में मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से संचालित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कई निर्देश दिए गए हैं.
विनय कुमार चौबे , मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर की परिधि में वोट मांगने को अपराध घोषित किया गया है. यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है तो उसे पुलिस द्वारा बिना वारंट के ही गिरफ्तार किया जा सकता है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 130 के अधीन उसके खिलाफ मुकदमा भी चलाया जा सकता है.
मतदान केंद्र के 200 मीटर के भीतर अभ्यर्थी द्वारा शिविर लगाने पर रोक
चौबे ने बताया कि मतदान केंद्रों के 200 मीटर के भीतर अभ्यर्थियों द्वारा मतदान के दिन शिविर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा. अगर कोई अभ्यर्थी इसका उल्लंघन करते हुए शिविर लगाता है तो प्राधिकारी द्वारा उचित कार्रवाई करते हुए शिविर हटाया दिया जाएगा. मतदान केंद्र में मतदाता निष्पक्ष व भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें, इसलिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से यह कदम उठाया गया है.
ईवीएम से छेड़छाड़ करने पर निर्वाचन अपराध
विनय कुमार चौबे ने बताया कि कोई व्यक्ति जो वोटिंग मशीन को अप्राधिकृत रुप से मतदान केंद्र से बाहर ले जाता है अथवा ले जाने की चेष्टा करता है अथवा ऐसे किसी काम में जानबूझकर सहायता करता है अथवा करने के लिए उकसाता है तो उसे निर्वाचन अपराध माना जाएगा. यह अपराध संज्ञेय और दंडनीय है.
मतदान केंद्र में अनुशासन व पीठासीन पदाधिकारी के निर्देशों का पालन
मतदान के दिन मतदान केंद्र में प्रत्येक व्यक्ति से शिष्टतापूर्वक आचरण और पीठासीन पदाधिकारी के विधिक निर्देशों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है. यदि कोई व्यक्ति अशिष्टतापूर्वक व्यवहार या दुर्व्यहार करता है अथवा पीठासीन पदाधिकारी के विविध निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है तो उसे मतदान केंद्र से हटाए जाने का प्राधिकार पीठासीन पदाधिकारी को है.
यदि ऐसा व्यक्ति पीठासीन पदाधिकारी की अनुमति के बगैर मतदान केंद्र में पुनः प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और उसके खिलाफ निर्वाचन अपराध के लिए मुकदमा भी चलाना पड़ सकता है, जिसके लिए उसे दो माह तक के कारावास जिसे बढ़ाकर तीन माह तक किया जा सकता है तथा अर्थदंड अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है.
मतदान की गोपनीयता भंग करने वाले को मत देने की इजाजत नहीं
चौबे ने बताया कि मतदान केंद्र के भीतर मतदान की गोपनीयता बनाए रखने और विहित मतदान क्रियाविधि का अनुपालन करने की अपेक्षा मतदाताओं से की जाती है लेकिन, कोई मतदाता पीठासीन पदाधिकारी द्वारा उसे दी गई चेतावनी के बाद भी मतदान की गोपनीयता के कायम रखने और मतदान क्रियावधि का अनुपालन करने से इन्कार करता हो तो उसे पीठासीन पदाधिकारी अथवा मतदान अधिकारी द्वारा उसके निर्देशों के अधीन मत डालने की अनुमति नही दी जाएगी. यदि ऐसे मतदाता को मतदाता पर्ची पहले ही जारी कर दी गई है तो उससे वापस ले ली जाएगी और उसे रद्द कर दी जाएगी.