निरज कुमार,
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने गुरुवार को घोषणा पत्र जारी किया. इस अवसर पर रांची आए बिहार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि जदयू ‘पॉलिटिक्स विथ डिफरेंस’ के लिए जानी जाती है. हम घोषणा पर भरोसा नहीं करते. संकल्प करते हैं. झारखंड के दशा और दिशा में बदलाव की जरूरत है. इसलिए पार्टी ने निश्चय करते हुए झारखंड के बदलाव के लिए 10 मुख्य मुद्दों का जिक्र घोषणा पत्र में किया है.
नीरज कुमार ने कहा कि झारखंड की जनसंख्या लगभग 3.29 करोड़ होने के बावजूद यह विकास में पीछे है. वहीं बिहार की जनसंख्या लगभग 11 करोड़ होते हुए भी वह झारखंड से कहीं आगे है. उन्होंने राजधानी रांची की बिजली की स्थिति की बात करते हुए कहा कि राजधानीवासियों को नियमित बिजली तक नहीं मिल पाती है, जबकि बिजली का उत्पादन झारखंड में ही होता है.
उन्होंने विकास के मामलों में झारखंंड की तुलना बिहार से करते हुए कहा कि 2017 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार झारखंड का ग्रोथ रेट मात्र 0.9% है, जबकि बिहार का 7.1% है.
झारखंड में जल, जंगल, जमीन से लोगों का लगाव है. आयुर्वेद, नेचुरोपैथी जैसे क्षेत्र में झारखंड में बहुत संभावना है. इस क्षेत्र में झारखंड ज्यादा विकास कर सकता है, लेकिन ऐसा देखने को अभी तक नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बिहार में 1 लाख 956 डॉक्टर कार्यरत है. वहीं झारखंड में मात्र 462 ही कार्यरत है.
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जंगल आपके पास है. प्राकृतिक संपदा भी आपके पास है. झारखंड में नेचुरोपैथी को बेहतर बनाने की संभावनाएं मौजूद है, लेकिन राज्य की स्थिति ठीक नहीं है. मात्र 462 डॉक्टर ही कार्यरत है. इसके गुनाहगार कौन है? नई पीढ़ी के लोगों के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में नेचुरोपैथी को विकसित करने की कार्य योजना झारखंड में नहीं बनी. यह काम जदयू ही कर सकता है. राज्य के विकास को गति जदयू ही दे सकती है.