रांची: राज्य के लगभग 5,000 पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को त्राहिमाम संदेश भेजा है. यह संदेश एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने भेजा है. अपने लिखे त्राहिमाम संदेश में शिक्षकों ने विभिन्न कारणों से पारा शिक्षकों के 2 माह से लेकर 11 माह तक का मानदेय राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा रोक के रखा गया है.
सूबे में विगत 15 – 17 वर्षों से शिक्षा दान देते आ रहे 65,000 पारा शिक्षकों में लगभग 5000 पारा शिक्षक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उनलोगों ने बताया कि राज्य के लगभग 5 हजार पारा शिक्षकों का 2 माह से लेकर 11 – 11 माह का मानदेय भुगतान राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा रोककर रखा गया है.
ऐसे मामलों जिनमें पारा शिक्षक का कोई दोष नहीं, को आधार बनाकर ऐसा अमानवीय कृत्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. फलस्वरूप पारा शिक्षक पूरे परिवार समेत भुखमरी के कगार पर आ चुके हैं. राशन दुकान से उधार मिलना बंद हो चुका है.
पारा शिक्षक अपना समेत परिवार के अन्य सदस्यों का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं एवं असमय काल कलवित हो रहे हैं. पलामू के छतरपुर एवं नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षक, जिनका 10 माह से मानदेय लंबित है, वे आत्मदाह करने का निर्णय भी ले चुके हैं. ये स्थिति तब है जब ऐसे पारा शिक्षक साथी विद्यालय में कार्यरत हैं.
लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव करा चुके हैं. आठवीं, मैट्रिक, इंटर की परीक्षा में वीक्षण करा चुके हैं एवं बीएलओ कार्य का संपादन भी कर रहे हैं. जनगणना 2021 में भी प्रतिनियुक्ति हुए हैं तथा COVID- 19 के संक्रमण काल में भी बच्चों के घर घर जाकर चावल, राशि पहुंचा रहे हैं. आप जनता को जागरूक कर रहे हैं.
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एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई ऐसे लगभग 5000 पारा शिक्षकों की ओर से त्राहिमाम संदेश देते हुए लंबित मानदेय भुगतान कराने का अनुरोध करती है.