गुमला: पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा बघनी मतदान केंद्र पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच हुए हिंसक वारदात में जिलानी अंसारी की मौत का कारण धारदार हथियार से हमला होने का दावा किए जाने को चुनौती मिलना आरंभ हो गया है. शनिवार को मारे गए ग्रामीण जिलानी अंसारी की पत्नी रौशन जहां खातून अपने ग्रामीणों के साथ न्याय मांगने के लिए गुमला समाहरणालय परिसर पहुंची थी. उसने उपायुक्त कार्यालय को दिए गए ज्ञापन में मारे गए जिलानी अंसारी के शव को दुबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की है.
हालांकि उपायुक्त से रौशन व ग्रामीणों की मुलाकात नहीं हुई इस कारण से ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय को दिया गया. उपायुक्त शशि रंजन ने शनिवार की शाम में आवेदन मिलने की जानकारी होने से इंकार किया है. कहा है कि आवेदन डाक में होगा. डाक में आवेदन आने और आवेदन में वर्णित तथ्यों का सांगोंपांग अध्ययन करने के बाद ही वे कुछ बोल सकते हैं.
उपायुक्त के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि चुनाव के दिन पुलिस की गोली बारी में जिलानी अंसारी को गोली लगी थी. ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों की गोली लगने से पहले वह घायल हुआ था. बाद में उसकी मृत्यु हो गई थी. घटना से संबंधित प्राथमिकी उसके बयान पर सिसई थाना में दर्ज की गई. लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में जिलानी के मौत का कारण गोली लगना नहीं बल्कि चाकू या अन्य धारदार हथियार से हमला होना बताया जा रहा है. जबकि जिलानी को गोली लगते हुए सैकड़ों लोगों ने देखा था. वहां से दो खोखा भी मिला था. जिसे पुलिस ने जानबूझकर जब्त नहीं किया. पहने गए कपड़ा को भी जब्ती सूची में शामिल नहीं किया गया.
इसलिए जिलानी के शव का दुबारा पोस्टमार्टम मेडिकल टीम गठित कर कराए जाने की मांग करती हूं. साथ ही साथ मारे गए जिलानी की पत्नी ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने की भी मांग आवेदन में की है. आवेदन में दावा किया है कि उसका पति जो कपड़ा पहने हुए था उसमें भी गोली लगने के चिन्ह्न थे. यदि प्रयोगशाला में कपड़े की जांच कराई जाती तो उसमें बारुद के गंध जरुर पाए जाते. आवेदन में दावा किया है कि घटना में पुलिस की गोली से कुल चार लोग घायल हुए थे. उसने कहा है कि पुलिस ने पोस्टमार्टम टीम को मिलाकर गलत रिपोर्ट बनवाने का काम किया है जिसका वह विरोध करती है.जिलानी की पत्नी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठाए सवाल