रांची: भाजपा के सांसद सुनील सोरेन ने कहा की संथाल भाजपा का गढ़ है. यहां सर्वाधिक विधायक हमारी पार्टी के हैं. संथाल में झामुमो दो नम्बरी पार्टी बनकर रह गयी है. इसलिए झामुमो संथाल को अपना गढ़ बताकर हेमंत यहां की जनता को मूर्ख न बनाएं.
उन्होंने कहा कि शायद हेमंत भूल गए हैं कि यहां की जनता उन्हें नकार चुकी है. जनता के नकारे जाने की वजह से उन्हें और शिबू सोरेन को यहां से हार का सामना करना पड़ा. हेमंत सोरेन हार की डर से दो जगह से चुनाव लड़ रहे हैं.
संथाल की जनता पिता और पुत्र को अपना निर्णय सुना चुकी है. ऐसी स्थिति में झामुमो संथाल को अपना गढ़ समझने की भूल न करे. इस बार भी हेमंत सोरेन को हार का सामना करना पड़ेगा. हेमंत मुगालते में रहें.
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार में रहें, तब तक हेमंत सोरेन यहां की जनता को भ्रम में रखा. यह परिवार केवल अपना और अपने परिवार का ही विकास किया. संथाल की जनता के बारे में कभी नहीं सोचा.
सोरेन ने कहा कि हेमंत को यहां की जनता को बताना चाहिए कि जब तक सत्ता में रहे, कितनी बार संथाल की जनता के पास आये. उनकी दुःख तकलीफ में हिस्सेदार बने. उन्होंने हेमंत से यह भी पूछा है कि विधान सभा में कितनी बार संथाल के जनता की समस्याओं को उठाया. संथाल की हितों की बात करने वाले हेमंत संथाल की जनता के लिए क्या किया?
उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार केवल जमीन खरीदने में व्यस्त रहे. सीएनटी एक्ट के उल्लंघन कर रांची के अलावा अन्य जिलों में जमीन खरीदी और संपत्ति बनाने का काम किया. वहां के जनता के बारे में कुछ नहीं किया. केवल अपनी तिजोरी भरी और संथाल के नाम पर राजनीति की. अब संथाल की जनता सोरेन परिवार को नकार चुकी है. इनके वंशवाद को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
वहीं, इन पांच सालों में रघुवर सरकार ने इन 5 वर्षों में संथाल को विकास की पटरी पर लाया. संथाल के विकास के लिए अलग से कार्य योजना बनाकर काम किया. सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीबों के घरों तक बिजली, पानी और उज्ज्वला योजना का लाभ पहुंचाया. इसलिए अब हेमंत सोरेन यहां की जनता को मूर्ख नहीं बना सकते हैं.