रांचीः उन्नाव रोप केस मामले में विधायक कुलदीप सिंह को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है. इससे पहले 2017 के अपहरण और बलात्कार मामले में विधायक सेंगर को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल करने में देरी को लेकर सीबीआई को भी फटकार लगाई थी. महिला आरोपी शशि सिंह को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया था.
उधर, सेंगर के लिए सीबीआई ने भी कोर्ट से उम्रकैद की सजा की मांग की थी. सीबीआई ने जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा से कहा था कि वह सेंगर को अधिकतम उम्रकैद की सजा दें क्योंकि यह एक व्यक्ति की व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई है. सीबीआई ने बलात्कार पीड़िता के लिए पर्याप्त मुआवजा देने का भी अनुरोध किया.
ऐसे चला था घटनाक्रम
उन्नाव केस में एक मामले पर कोर्ट ने फैसला दिया था, लेकिन 4 अन्य मामलों में फैसला आना अभी बाकी है. कोर्ट ने विधायक सेंगर की मोबाइल लोकेशन को अहम सबूत माना. अपने फैसले में अदालत ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि पीड़िता को शशि सिंह ही दोषी विधायक के पास लेकर गई थीं. सेंगर को आईपीसी की धारा 376, सेक्शन 5(c) और पॉक्सो ऐक्ट के तहत दोषी करार दिया.
क्या कहा था अदालत ने
दोषी करार देते हुए अदालत ने कहा था, ‘सेंगर एक शक्तिशाली व्यक्ति था, पीड़िता महानगरीय शिक्षित क्षेत्र की नहीं बल्कि गांव की लड़की थी, जिसकी वजह से मामला दर्ज कराने में देर हुई. उसके द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद उसके परिवारवालों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए.’ अदालत ने सीबीआई द्वारा मामले में आरोप-पत्र दायर करने में विलंब पर हैरानी जताते हुए कहा कि इसकी वजह से सेंगर के खिलाफ सुनवाई लंबी चली.
2017 में नाबालिग का किया था रेप
सेंगर ने 2017 में एक युवती का अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था. यूपी की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था. अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे. इस बीच पीड़ित युवती को कथित तौर पर मारने की भी कोशिश की गई. उनकी कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी. दुर्घटना में युवती की 2 रिश्तेदार मारी गईं और उनके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया था. सर्वोच्च अदालत ने निर्देश दिया था कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए.