नीरज कुमार/भवानी शंकर
रांची : लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दिये नारे से हर बार जनता ने किनारा कर लिया. लोकसभा-2019 के चुनाव में भाजपा ने ‘अबकी बार-400 पार’ का नारा दिया था.
हालांकि जनता की भावना को भांपते हुए पार्टी ने अंतिम समय में लक्ष्य को घटाते हुए नारा बदल दिया था.
पार्टी ने नया नारा ‘अबकी बार-65 पार’ का नारा दिया.
झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ‘अबकी बार 65 पार’ का नारा दिया था. मुख्यमंत्री रघुवर दास के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरुआती सभाओं में मुख्यामंत्री रघुवर दास का नाम भी ले रहे थे.
बाद में लोगों की नाराजगी का भान होने पर कमल और मोदी को ध्यान में रखकर वोट करने आह्वान करने लगे. तब तक काफी देर हो गई थी.
स्थिति यह हो गई कि यहां लक्ष्य का आधा भी सीट हासिल करने में पार्टी कामयाब नहीं हो सकी. इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ‘अबकी बार 220 पार’ का नारा दिया था.
नारे के विपरीत यहां पार्टी मात्र 105 सीटों पर जीत हासिल कर सकी. यानी आधा से भी कम. इसी तरह हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ‘अबकी बार 75 पार’ का नारा दिया था.
वहां पार्टी को 40 सीटें ही मिल पाई थी.