रांची: आजसू पार्टी के प्रमुख और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो सिल्ली से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने जेएमएम की सीमा देवी को लगभग बीस हजार वोटों से हराया है. सुदेश कुमार महतो को 83 हजार 526 वोट मिले हैं. जबकि सीमा देवी को 63 हजार 326 वोट मिले हैं.
2014 के चुनाव में सुदेश कुमार महतो सिल्ली से हार गए थे. वोटों की गिनती के दौरान शुरुआत में सुदेश कुमार महतो मामूली वोटों से पीछे हो गए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने बढ़त बनाना शुरू किया, जो निर्णायक साबित हुआ.
इससे पहले सुदेश महतो 2000, 2005 और 2009 में इस सीट से चुनाव जीते हैं
उधर गोमिया में आजसू के डॉ लंबोदर महतो ने जेएमएम की बबीता देवी से सीट छीन ली है. यह लंबोदर महतो की पहली जीत है. लंबोदर महतो को 71,799 और बबीता देवी को 60,817 वोट मिले हैं.
2018 के उपचुनाव में बबीता देवी ने लंबोदर महतो को हराया था. उससे पहले 2014 में जेएमएम के योगेंद्र महतो चुनाव जीते थे. योगेंद्र महतो की विधायकी खत्म होने के बाद 2018 में उनकी पत्नी बबीता देवी जीती थी.
सुदेश और लंबोदर की जीत के बाद भी आजसू के लिए इस बार बेहद निराशजनक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. सरकार के मंत्री आजसू से दो बार चुनाव जीते रामचंद्र सहिस चुनाव हार गए हैं. उन्हें जेएमएम के मंगल कालिंदी ने चुनाव हराया है.
उधर तमाड़ में जेएमएम के विकास मुंडा ने आजसू के रामदुर्लभ सिंह मुंडा को करारी मात दी है. 2014 में विकास आजसू से ही चुनाव जीते थे. लेकिन बाद में पार्टी से तफरका होने के बाद वे जेएमएम में शामिल हो गए.
उधर टुंडी से आजसू के उम्मीदवार राजकिशोर महतो चुनाव हार गए हैं. राजकिशोर महतो तीसरे नंबर पर टिक सके हैं. जबकि 2014 में राजकिशोर महतो ने जेएमएम के मथुरा महतो को चुनाव हराया था. मथुरा ने इस बार 60 हजार वोटों से हार का बदला ले लिया है.
लोहरदगा की सीट भी आजसू के हाथ से निकल गई है. 2014 में यहां से आजसू के कमलकिशोर भगत जीते थे. 2015 के उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत जीते. इस बार सुखदेव भगत बीजेपी से लड़े. लेकिन कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ने सीट जीत ली है.
उधर रामगढ़ में भी आजसू की सुनिता चौधरी लगातार पीछे चल रही हैं और कांग्रेस की ममता देवी ने निर्णायक बढ़त ले ली है और उनकी जीत की औपचारिक घोषणा मात्र रह गयी.