रांची: झारखंड में 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन शपथ लेंगे. इसके साथ ही उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों और मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर कई नामों की चर्चा जोरों पर है, वहीं मंत्री पद को लेकर झामुमो और कांग्रेस में लॉबिंग भी तेज हो गयी है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कैबिनेट गठन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात के क्रम में चर्चा की. वहीं हेमंत सोरेन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह से भी लगातार संपर्क में है. वहीं हेमंत सोरेन ने आज रांची में राजद लालू प्रसाद से रिम्स के पेइंग वार्ड में जाकर मुलाकात की. इससे पहले हेमंत सोरेन झारखंड विकास मोर्चा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से भी मुलाकात कर चुके हैं. राजनीतिक हलकों में ऐसी भी चर्चा है कि सरकार में झाविमो को भी शामिल किया जा सकता है और झाविमो के एक विधायक मंत्री बन सकते है.
हेमंत मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री के अलावा पांच विधायकों, कांग्रेस के पांच या चार विधायकों और एक राजद तथा एक झाविमो विधायक को मौका मिल सकता है. झामुमो से जिन विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा है, उनमें स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, दीपक बिरुआ और सरफराज अहमद तथा बैद्यनाथ राम का नाम शामिल है.
वहीं कांग्रेस की ओर से आलमगीर आलम, राजेंद्र प्रसाद सिंह, रामेश्वर उरांव, दीपिका पांडेय, बन्ना गुप्ता व अम्बा प्रसाद के नाम शामिल है.
जबकि राजद के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता को मौका मिल सकता है, वहीं झाविमो के सरकार में शामिल होने पर पार्टी विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में जाने की संभावना है.