रांची: 1974 के जेपी आंदोलन जैसी स्थिति देश में उत्पन्न हो गई है जेएनयू और जामिया तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से फूटा छात्र आंदोलन एक जन आंदोलन का रूप धारण कर चुका है. पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी मेन रोड स्थित अंजुमन प्लाजा मुसाफिरखाना में प्रेस वार्ता आयोजित के दौरान मीडिया को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लाठी गोली से युवाओं की आवाज को दबा नहीं सकते. अनवर ने कहा की 8 जनवरी को शहीद शेख भिखारी के शहादत दिवस के अवसर पर चोट्टूपालु घाटी जाकर उनके स्मारक पर इस सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने की सौगंध लेंगे.
अनवर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी की तर्ज पर एनआरसी, सीएए तथा सिटीजन रजिस्टर के खिलाफ आंदोलन चलाएंगे. हम संविधान विरोधी मोदी सरकार के इन फैसले को कतई मानने को तैयार नहीं है.
अंतिम दम तक लड़ेंगे एनआरसी के खिलाफ: आजम अहमद
झारखंड आंदोलनकारी और झामुमो नेता आजम अहमद ने मीडिया को बताया कि मोदी सरकार संविधान की खिलाफ वर्जी कर रहे हैं. इसकी मुखालफत विरोध पूरे हिंदुस्तान में जारी है. उन्होंने कहा कि देश के युवा ऐसे सरकार के खिलाफ पूरे हिंदुस्तान में आवाज को बुलंद कर दिया है. आजम अहमद ने कहा कि सवा सौ करोड़ की आबादी में एनआरसी के खिलाफ करोड़ों छात्र और सेकुलर लोग सड़क पर उतर कर कह रहे हैं कि नैतिकता के आधार पर प्रधानमंत्री गृह मंत्री रक्षा मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
इस मौके पर अली अनवर अंसारी पूर्व राज्यसभा सांसद , झारखंड आंदोलनकारी व झामुमो नेता आजम अहमद, अब्दुल खालिक, अब्दुल हसीब, एमएस भारती, शमशेर आलम, नौशाद अंसारी, हाजी उमर भाई, अंजुमन इस्लामिया के जनरल सेक्रेटरी हाजी मुख्तार अहमद, जफर अंसारी और खुर्शीद अंसारी मौजूद थे.