रांची: पांचवी झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के आखिरी दिन बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग में हुई मौत की घटना पर की गई टिप्पणी को लेकर तीखी नोकझोंक हुई. सदन में शोर-शराबे के कारण राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से किसी भी सदस्य को अपनी बात नहीं रखने नहीं मिला. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है और सरकार जन आकांक्षाओं के प्रति खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में नौकरशाह का राजनीतिकरण हुआ था लेकिन अब नई सरकार नौकरशाह को जनता के प्रति जिम्मेवार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
इससे पहले सत्तापक्ष की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोबिन हेंब्रम ने धन्यवाद प्रस्ताव को पेश करते हुए कहां की राज्य सरकार सीएनटी एसपीटी एक्ट को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में इस कानून में छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी. उन्होंने बताया कि पिछली सरकार में इस कानून में छेड़छाड़ कर आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन को कौड़ियों के दाम बेचने की कोशिश की गई. पिछली सरकार में युवाओं को नौकरी नहीं मिल पा रही थी. स्थानीय नीति को इस तरह से परिभाषित किया गया कि आरा छपरा बलिया और दरभंगा के लोगों को छोटी-छोटी नौकरियां मिले. उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि स्थानीय लोगों को ही तृतीय और चतुर्थ वर्ग की सभी नौकरियां मिले.
कांग्रेस के इरफान अंसारी ने धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात को रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार उन सभी मामलों की और गड़बड़ियों की जांच कराएगी. जो पिछले 5 वर्षों में रघुवर दास सरकार के दौरान हुई. उन्होंने कहा कि जांच के बाद दोषी जेल में जाएंगे. इस दौरान इरफान अंसारी द्वारा मॉब लिंचिंग की घटना में तबरेज अंसारी की मौत को लेकर की गई टिप्पणी से भाजपा के सदस्य नाराज हो गए और शोर-शराबा करते हुए आसन के बीच आ गए.
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इरफान अंसारी द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकालने का नियमन दिया गया. इसके बावजूद भाजपा के सदस्य इरफान अंसारी से माफी मांगने की मांग करने लगे. इरफान अंसारी द्वारा माफी मांगने से इंकार करने के बाद शोर शराब और बढ़ गया और विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्रवाई को करीब 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा के विधायक फिर शोर-शराबा करने लगे ,जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के ऊपर ही खेद व्यक्त करने की जिम्मेवारी स्वविवेक पर छोड़ दी. इसके बावजूद हंगामा होते देख विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और संसदीय विभाग के प्रभारी हेमंत सोरेन को सरकार की ओर से जवाब देने का निर्देश दिया. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच में मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी.