रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के झारखंड राज्य कार्यकारिणी सदस्य डॉ. खगेंद्र ठाकुर नहीं रहे. वे करीब 82 साल के थे. पार्टी के प्रतिबद्ध नेता होने के साथ हिंदी साहित्य के प्रख्यात आलोचक थे. उनके निधन पर भाकपा झारखंड राज्य परिषद ने शोक व्यक्त किया है.
भाकपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह झारखंड राज्य के सहायक सचिव महेन्द्र पाठक ने कहा है कि ठाकुर के निधन से भाकपा के अपूरणीय क्षति हुई है.
ठाकुर पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य लंबे समय तक सदस्ये रहे. झारखंड के सहायक सचिव भी रहे हैं. उनके नहीं रहने से देश के प्रगतिशील सांस्कृतिक व साहित्यिक आन्दोलन को गहरी क्षति हुई है. वे प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे. उन्होंने मार्क्सवाद और वर्त्तमान राजनीति से संबंधित कई पुस्तकें लिखी. साहित्यिक सवालों पर प्रगतिशीलता को लेकर निरंतर हस्तक्षेप करते रहे हैं.
उनका जन्म झारखंड के गोड्डा जिला के मालिनी गांव में 9 सितंबर 1937 को हुआ था. वे भागलपुर विश्वविद्यालयों में प्रध्यापक के पद पर कार्यरत थे. बाद में इस पद से इस्तीफा देकर वे पार्टी के सक्रिय राजनीति में जुड़ गए. आजन्म पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय रहे. डॉ. ठाकुर के निधन पर पार्टी के राज्य कार्यालय का झंडा झुका दिया गया है.