रंजना कुमारी,
रांची: इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने रांची के एक होटल में सक्षम कार्यक्रम का आयोजन किया. मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने लोगों से तेल बचाने की अपील की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व का तीसरा सबसे अधिक ऊर्जा की खपत करने वाला देश है. कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने इस मुहिम को सफल बनाने की शपथ ली. इस अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने वैन को रवाना किया. तेल और गैस कम्पनियों के साथ-साथ ही पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संगठन द्वारा पूरे देश में 16 जनवरी, 2020 से 15 फरवरी, 2020 की अवधि के दौरान तेल और गैस संरंक्षण अभियान आयोजित किया जा रहा है, जिसका विषय ‘सक्षम-2020’ है.
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती हुई मांग के उच्च बने रहने की संभावना है, क्योंकि तेल और प्राकृतिक गैस का योगदान देश में ऊर्जा आवश्यकता के एक तिहाई से अधिक है.
उन्होंने कहा कि घरेलू तेल और गैस की सीमित उपलब्धता को देखते हुए भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 80 फीसदी आयात कर रहा है. इस भारी आयात निर्भरता और हमारे आर्थिक संसाधनों पर इसके उत्तरवर्ती दबाव को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों का संरक्षण करने पर विशेष बल देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रकृति में संसाधन सीमित हैं. बढ़ती जनसंख्या के साथ मनुष्य की आवश्यकताएं भी बढ़ती ही जा रही हैं. दिन-प्रतिदिन सड़कों पर मोटर-गाड़ियों की संख्या में अतुलनीय वृद्धि हो रही है. रेलगाड़ी हो या हवाई जहाज सभी की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.
राज्यपाल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों का और अधिक महत्वपूर्ण रूप से संरक्षण अनिवार्य है. इससे जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताओं का समाधान किया जा सके और भावी पीढ़ियों के लिए स्वस्थ जीवनयापन हेतु अपने पर्यावरण को तथा दीर्घकालिक विकास को सुरक्षित किया जा सके. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पेट्रोलियम का बेहतर और ज्यादा कुशल उपयोग करके इसे संरक्षित किया जाए, ताकि इसके परिणामस्वरुप ऊर्जा के कुशलतम उपयोग खर्चीली पद्धतियों को न्यूनतम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने कि उपलब्धि हासिल की जा सके.
राज्यपाल ने कहा कि यह केवल तब संभव हो पाएगा, जब उद्योग, व्यक्तिगत नागरिक, संगठन, तेल कंपनियां और सरकार पेट्रोलियम संरंक्षण की सामूहिक जिम्मेदारी में भागीदारी करें ताकि ऊर्जा के उपलब्ध संसाधनों का संरक्षण किया जा सके. भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण किया जा सके. हम खाना पकाने, परिवहन, कृषि और उद्योगों में पेट्रोलियम उत्पादों का प्रयोग करते समय सामान्य, सरल, आसान उपायों को अपना कर तेजी से समाप्त हो रहे पेट्रोलियम संसाधनों का संरंक्षण करने की मुहिम में शामिल होना चाहिए, ताकि इन संसाधनों के इष्टतम उपयोग और कार्य कुशलता को हासिल किया जा सके.