रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राजधानी रांची समेत राज्य में उत्पन्न बिजली संकट पर नाराजगी व्यक्त करने के बाद मुख्य सचिव डॉ. डी.के. तिवारी ने राजधानी में उत्पन्न बिजली संकट को लेकर रविवार को झारखंड मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में वरीय अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. इस बैठक में बिजली विभाग के अधिकारियों को शहर में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने बिजली समस्या की गंभीरता को देखते हुए रविवार को विद्युत विभाग के आला अधिकारियों को झारखंड मंत्रालय में तलब किया और सख्त निर्देश दिया कि हर हाल में रांची में सोमवार से निर्बाध बिजली देना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि आम लोगों को आती-जाती बिजली से परेशानी नहीं हो, इसे प्राथमिकता में रखें।मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि पूरे राज्य में पावर कट पर पूरी तरह नजर रखें और गंभीरता से लेकर दूर करें.
मेंटेंनेंस के नाम पर मेगा पावर ब्लाक तत्काल बंद करें
मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि मेंटेंनेंस के नाम पर मेगा पावर ब्लाक को तत्काल बंद करें. इसके लिए अगले माह फरवरी से एक सुविचारित शिड्यूल बनाएं. उसका उच्चस्तरीय अनुमोदन भी प्राप्त करें. उन्होंने शिड्यूल में यह प्रावधान करने को कहा कि मेंटेंनेंस के समय लंबे समय तक पावर कट नहीं हो।. वहीं 4 बजे अपराह्न के पहले मेंटेंनेंस का कार्य करें, ताकि लोगों को अंधेरे में नहीं रहना पड़े. साथ ही पावर कट का जो समय निर्धारित करें, उसे हर हाल में पालन भी सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि यह किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए कि पावर कट के तय समय के बाद भी लोग बिजली बहाल होने के इंतजार में परेशान रहे.
अपग्रेडेशन व नवीकरण कार्य के कारण शटडाउन
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 153.47 करोड़ की लागत से राज्य के 29 ग्रिड सब स्टेशनों के अपग्रेडेशन व नवीकरण का कार्य चल रहा है. इसके पूरा होने के बाद ग्रिडों की स्थिति मजबूत होगी तथा निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. इस हेतु सभी उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं. पुराने उपकरणों को हटाने और नये को स्थापित करने का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. बाकी का काम भी प्रगति पर है. इसे लेकर ही पावर शटडाउन किया जा रहा है. हटिया ग्रिड में इसे लेकर ही 20 और 22 जनवरी को मेगा पावर ब्लाक प्रस्तावित था, जिसे मुख्य सचिव के निर्देश पर सुविचारित प्लान के साथ फरवरी में होना तय किया गया.
विजन डाक्यूमेंट बनाएं
मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि वे बेहतर ढंग से बिजली देने को लेकर विजन डाक्यूमेंट बनाएं. उसमें पिछले पांच साल में क्या किया और उसका फलाफल क्या रहा, इसे भी दर्ज करें. बिजली की स्थिति खराब क्यों है, इसका भी विश्लेषण करें. साथ ही, आगे क्या बेहतर करेंगे, उसे भी उल्लेखित करें. विद्युत उत्पादन को बढ़ाने के उपाय पर भी फोकस करें. उन्होंने पावर क्रय करने के सिस्टम की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि समीक्षा की रिपोर्ट में अन्य राज्यों की बिजली व्यवस्था का भी अध्ययन कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं. विद्युत वितरण एवं संचरण की योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर भी फोकस करने का निर्देश दिया.
बैठक में ये थे उपस्थित
बिजली को लेकर हुई आपात बैठक में मुख्य सचिव डॉ. डी.के तिवारी के अलावा ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खंयाग्ते, विद्युत वितरण निगम के एम डी राहुल पुरवार, संचरण निगम के एम डी निरंजन कुमार समेत विद्युत विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे.