रांची: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है और गंभीर बात तो यह है कि अनेक स्तर पर साजिश हो रही है. एनआरसी – सीएए के खिलाफ देश के हर शहर की महिलाएं सड़कों पर और गलियों में कड़ाके की ठंड में रातें गुजार रही हैं. लेकिन प्रधानमंत्री ने अपनी खामोशी को ही अपना हथियार बना लिया है.
सहाय ने मीडिया में आये समाचारों का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस ऑफिसर देविंदर सिंह ने अपने बॉस आईजी से कहा कि सर यह गेम प्लान है, आप गेम को खराब ना करें और यह बात चौंकाने वाली है.
सहाय ने मोदी सरकार से यह जानना चाहा है कि वह गेम प्लान क्या है जिसका खुलासा देविंदर सिंह कर रहे थे. उसके पीछे मास्टर माइंड कौन है और वे लोग कौन हैं जिनके लिये देविंदर सिंह काम कर रहे थे.
सहाय ने नरेन्द्र मोदी से अपील की कि इतने गंभीर विषय पर उन्हें मीडिया से बात करनी चाहिए.
सहाय ने कहा कि मोदी जी अनेक बार दार्शनिक अंदाज में बातें करते हैं और तब उनकी तस्वीरे मीडिया में आती है. मोदी से जॉर्ज सेंटियाना की पुस्तक द सेन्स ऑफ ब्यूटी पढ़ने का अनुरोध करते हुए सहाय ने कहा कि किस परिस्थिति में क्यों, कब और कैसे सौंदर्य प्रस्तुत होती है एवं वह वास्तव में सुन्दर बनाती है साथ ही प्रकृति को हमारी कैसी समझ सुंदर बनाती है इसे समझने की आवश्यकता है. साथ ही हमारे संविधान के उद्देश्य एवं हमारी संवेदनशील भावनाओं के बीच के संबंधों को भी समझने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि वे तब वाकई में आश्चर्यचकित होंगे जब मोदी, देश के गंभीर मुद्दों पर गंभीरता बरतेंगे.
उन्होंने राहुल गांधी के उस वक्तव्य से पूरी सहमति व्यक्त की जिसमे उन्होंने वाईसी मोदी के नेतृत्व में एनआइए जांच पर ऊंगली उठाई है और कहा है उनके नेतृत्व में गुजरात दंगे और हरेन पांड्या मामले की वैसी जांच हुई जिसपर किसी का भरोसा नहीं है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोधकांत ने कहा कि बहुत सारे विकट और कठिन प्रश्नों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की खामोशी संदेह पैदा करनेवाली है. उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट की देखरेख में वैसे निष्पक्ष जांच की मांग की जहां संदेह की कोई गुंजाइस ना रहे. एनआइए के पिछले इतिहास को भरोसे के लायक ना बताते हुए उन्होंने कहा कि वाईसी मोदी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने गुजरात दंगा और हरेन पंड्या मामले की जांच की थी. हालिया समय में प्रज्ञा सिंह ठाकुर और असीमानंद जैसे आतंकवाद संबंधी मामले में भी एनआइए की जांच भरोसे के लायक नहीं है.