लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से बड़ी उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं. सूत्रों की मानें तो, यूपी में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनाव में बसपा अकेले ही लड़ेगी. खबरों की मानें तो, बसपा सुप्रीमो मायावती ने एलान किया है कि आगामी विधानसभा उपचुनाव पार्टी बिना गठबंधन के लड़ेगी. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन का प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं हुआ. सपा को 5 सीटों और बसपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
कहा जा रहा है कि मायावती ने सोमवार को बसपा के बड़े नेताओं के साथ बैठक की. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में फैसला लिया गया है कि यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी. बैठक में यह भी बात की गई कि लोकसभा चुनाव में यादवों का वोट बसपा को नहीं मिला. इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कई राज्यों के लोकसभा प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों को पद से हटा दिया था.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बैठक में लोकसभा चुनाव में वोटों के ट्रांसफर को लेकर सवाल उठाए हैं. मायावती ने बैठक में कहा कि चुनाव में बसपा के वोट तो समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में पूरी तरह पड़े लेकिन, समाजवादी पार्टी के समर्थक यादवों ने कई स्थानों पर बसपा उम्मीदवारों को वोट नहीं दिए. मायावती ने एक तरह से समाजवादी पार्टी पर वोटों के ट्रांसफर में फेल होने का आरोप लगाते हुए गठबंधन का भविष्य करीब-करीब तय कर दिया है. मायावती ने सोमवार को बीएसपी की बैठक में शिवपाल यादव का तीन बार नाम लिया. उन्होंने कहा कि शिवपाल ने कई जगहों पर यादव वोट को बीजेपी के लिए ट्रांसफ़र करा दिया.