गुमला: उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में जिला अनुकम्पा समिति की बैठक आईटीडीए भवन स्थित उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में संपन्न हुई. बैठक में मुख्य रूप से सामान्य अनुकम्पा एवं उग्रवादी हिंसा से संबंधित तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग पर नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदनों पर विशेष रूप से चर्चा की गई.
बैठक में अनुकम्पा समिति द्वारा सामान्य व उग्रवादी हिंसा संबंधी आवेदनों का क्रमवार सत्यापन कर संबंधित विभागों को अनुशंसा कर भेजने का निर्णय लिया गया. उपायुक्त ने समिति के साथ क्रमवार सभी आवेदकों के शैक्षिक अंक प्रमाण पत्र, शपथ पत्र, अनापत्ति प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेजों का बारीकी से जांच कर स्थापना शाखा को आवश्यक कार्यवाही हेतु दिशा-निर्देश दिए.
उपायुक्त द्वारा बताया गया कि सामान्य अनुकम्पा में कुल 23 एवं उग्रवादी हिंसा में कुल 08 आवेदनों की प्राप्ति हुई है. जहां सामान्य अनुकम्पा के कुल 23 आवेदनों में से 20 पर विचार विमर्श कर संबंधित विभागों को अनुशंसा हेतु भेजा गया. जबकि उग्रवादी हिंसा के तहत आवेदकों का आपराधिक इतिहास होने तथा उग्रवादी हिंसा के तहत नियुक्ति हेतु निर्धारित नियमों को पूर्ण नहीं करने के कारण एक भी आवेदन चयनित नहीं किया गया.
विदित हो कि उग्रवादी हिंसा के तहत कुल 08 आवेदकों ने आवेदन दिया था. जिसमें स्व. केशरी दास की आश्रित पत्नी के द्वारा दिए गए आवेदन में दावा किया गया है कि उनके पति की हत्या कर कुएं में फेंका गया.
जबकि पुलिस अधीक्षक गुमला द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि मृतक की मृत्यु अत्याधिक नशे में रहने के कारण कुंआ में गिरने से हुई है. अतः उग्रवादी हिंसा के तहत नौकरी अनुमान्य नहीं है. इसके अलावा बैठक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि सामान्य अनुकम्पा एवं उग्रवादी हिंसा से होने वाली नियुक्तियों हेतु टाइपिंग टेस्ट में संतोषजनक परिणाम न देने वालों को एक और मौका दिया जाएगा.
बैठक में उपायुक्त शशि रंजन के अलावे अपर समाहर्ता सुधीर कुमार गुप्ता, जिला कल्याण पदाधिकारी बिरेन्द्र कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन विजया भेंगरा, अनुमंडल पदाधिकारी बसिया सौरभ प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक सुरेन्द्र पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक प्राण रंजन सहित अनुकम्पा समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे.