दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मैदान पकड़ लिया है. वहीं 70 विधानसभा सीट के लिए नामांकन भी भरे जा चुके है. जानकारी अनुसार दिल्ली के इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए रिकाॅर्ड तोड़ नामांकन जमा हुए हैं. दिल्ली के पहले विधानसभा चुनाव 1952 को छोड़ दिया जाए तो बीते 27 वर्ष में कभी भी इतने पर्चे दाखिल नहीं हुए. 21 जनवरी तक चुनाव आयोग को 1473 नामांकन पत्र दर्ज हुए.
देर रात तक नामांकन पत्रों की गिनती चलती रही. 70 सीटों के जमा हुए नामांकन पत्रों की संख्या देखकर चुनाव आयोग अधिकारी भी दंग रह गए. आयोग के अनुसार नामांकन पत्र की संख्याओं में बढ़ोतरी हो सकती है. अब 24 जनवरी तक नाम वापस लेने का आयोग ने समय दिया है. वर्ष 1952 में करीब 400 नामांकन दाखिल हुए थे. इसके बाद से विधानसभा भंग रही है और फिर 1993 में विधानसभा चुनाव हुआ.
उस वक्त सबसे ज्यादा 1316 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे. इसके बाद से 2015 के चुनाव तक इतने नामांकन पत्र कभी दाखिल नहीं हुए. 2008 में नई दिल्ली को विधानसभा बनाया गया था. 2008 के बाद से 2013 और 2015 के चुनाव में यहां 25 से ज्यादा नामांकन कभी नहीं हुए, लेकिन इस बार करीब 96 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं. सबसे ज्यादा 21 जनवरी को 66 पर्चे जमा हुए.
गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं के लिए आगामी 8 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए 21 जनवरी तक ही नामांकन होने थे. अब 24 जनवरी तक नाम वापस लेने का आयोग ने समय दिया है. 24 जनवरी की शाम को ही आयोग दिल्ली चुनाव के अंतिम उम्मीदवारों की सूची जारी करेगा. 11 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा.