लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रही विपक्षी पार्टियों चुनौती देते हुए कहा है कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं. सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता .
उन्होंने कहा कि ”मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है.” गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है. सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले. हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं.
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने सीएए के समर्थन में मंगलवार को राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है. मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो. ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ. शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा मुसलमान तो छोड़ दें, किसी भी बाशिंदे की नागरिकता लेती हो तो बता दें.
आज देश में इसके खिलाफ दंगा और धरनाकृप्रदर्शन कराया जा रहा है. यह गलत है. गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ”राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो, आपकी पार्टी के पाप के कारण 16 जुलाई 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन को स्वीकार किया गया. बंटवारे के वक्त पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू, सिख बौद्ध और जैन थे मगर अब वहां अब वे सिर्फ सात और तीन प्रतिशत ही रह गये हैं. बाकी कहां गये? वे या तो मार दिये गये या उनका धर्म परिवर्तन किया या फिर भारत आकर शरण ली. इन आंखों के अंधों को दिखायी नहीं दिया कि करोड़ों लोगों पर अत्याचार हुआ.”
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने सीएए और अनुच्छेद 370 हटाने के मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सारी चीजों में राहुल, अखिलेश, मायावती और ममता की भाषा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा एक ही है. मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर इन लोगों का इमरान खान से क्या सम्बन्ध है. शाह ने दावा किया कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, मौलाना आजाद और सरदार पटेल ने भी बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं, सिखों आदि को भारत की नागरिकता देने की हिमायत की थी, मगर कांग्रेस अब इस पर ध्यान नहीं दे रही है. वह वोट बैंक के लालच में अंधी है. गृह मंत्री ने रैली में मौजूद लोगों से अपने मोबाइल फोन पर एक नम्बर डायल करने को कहा और बताया कि उस नम्बर पर मिस कॉल करने से सीएए के प्रति आपका समर्थन दर्ज हो गया है.
केन्द्रीय मंत्री शाह ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर की मुखालिफत कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ज्यादा न बोलने की सलाह देते हुए कहा कि ”अखिलेश बाबू आप ज्यादा न बोलो तो अच्छा है. मंच पर आकर पांच लाइन बोलकर दिखाओ. कभी-कभी पढ़ लिया करो. पढ़ने से फायदा होता है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि वह दलित बंगालियों को नागरिकता देने की मांग कर रही थीं. अब सीएए के जरिये उन्हें नागरिकता मिल रही है तो भी उन्हें परेशानी है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि डेढ़ साल पहले राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा था कि वह पाकिस्तान से आये हिन्दू और सिखों को नागरिकता देगी. यानी जब कांग्रेस करे तो ठीक है, हम करें तो विरोध कर रहे हो. उन्होंने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अपनी सरकार की उपलब्धि की तरह पेश करते हुए दावा किया कि अयोध्या में तीन महीने के अंदर आसमान छूता हुआ मंदिर बनेगा. उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों ने 500 साल पहले भगवान राम का मंदिर तोड़ दिया. उसके बाद लाखों लोग आंदोलित हुए, कई ने शहादत दी. मगर कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते श्रीराम का मंदिर नहीं बनने दिया.