लोहरदगाः लोहरदगा में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर शरारती तत्वों के द्वारा पथराव के बाद हिंसक झड़पों, आगजनी और तोड़फोड़ के बीच हालात को देखते हुए शहरी क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं. लोहरदगा की सदर अनुमंडल अधिकारी ज्योति झा ने कर्फ्यू लगाए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के बारे में माइक से घोषणा कर भीड़ को इतिल्ला कर दिया गया है. हालात को नियंत्रण में करने की कोशिशें जारी है.
जिले की उपायुक्त आकांक्षा रंजन का कहना है कि धारा 144 लागू करने के बाद भी शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे. लिहाजा यह कदम उठाया गया है. साथ ही उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही है. वे खुद शहर में निकली हुई हैं. दंडाधिकारियों को भी पुलिस बल के साथ तैनात किया गया है. उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. साथ ही कहा है कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले उपद्रवियों ने आम लोगो के साथ पुलिस के कई वाहन को भी आग के हवाले कर दिया और दुकानों में लूटपाट की. कई दुकानों में आग लगा दी गई.
हालात बेकाबू होता देख, पुलिस ने हवाई फायरिंग की
उपद्रवियों ने एसपी प्रियदर्शी आलोक को भी निशाना बनाते हुए उनपर पथराव किया. पथराव के कारण कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. जुलूस पर पथराव के बाद स्थिति बिगड़ते देख एसडीओ ने कर्फ्यू की घोषणा कर दी. हालांकि अभी भी वहां स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है और झड़प की छिटपुट खबरें आ रही हैं.एहतियातन प्रशासन ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है.
सुबह में निकला था जुलूस
जानकारी के मुताबिक ललित नारायण स्टेडियम से निकला यह जुलूस शहर के बरवाटोली, मिशन चौक, राणा चौक, अपर बाजार, गुदड़ी बाजार, शास्त्री चौक, थाना टोली से गुजरते हुए अमलाटोली पहुंचा, तो पथराव की घटना हुई. घरों के छतों से भी जुलूस पर पत्थर फेंके जाने लगे.
जुलूस में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे. वे तिरंगा और भगवा लिए चल रहे थे. साथ ही सीएए और एनआरसी के समर्थन में नारेबाजी की जा रही थी. जुलूस के समर्थन में शहर की अधिकतर दुकानें बंद कर दी गई थीं. लोग जहां थे, वहीं से जुलूस में शामिल होते चले गए. बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुईं.
जुलूस में बीजेपी के अलावा विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, जय श्रीराम समिति सहित कई सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. लिहाजा पूरा शहर भगवा रंग में डूबा नजर आया. गाड़ियों पर बाजे लगाए गए थे. हिंदू संगठन के बड़े नेता सुमन जी भी पहुंचे थे.
लोग गाजे-बाजे के साथ नारेबाजी करते आगे बढ़ रहे थे. इस बीच अमलाटोली पहुंचने पर पथराव की घटना हो गई. जुलूस में शामिल कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि सीएए, एनआरसी का विरोध करने वालों ने पहले से उन इलाकों में पत्थर जमा कर रखे थे. छतों पर से भी पत्थर फेंके गए.पहले से तैयार साजिश के तहत शहर को अशांत किया गया. दुकानों को लूटा गया.
इससे पहले सुरक्षा को लेकर ड्रोन कैमरे से जुलूस की निगरानी की जा रही थी. पुलिस और प्रशासन के कई अधिकारियों को भी तैनात किया गया था. लेकिन अमलाटोली में पथराव के बाद देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया. कई घरों में तोड़फोड़ की गई. सड़कों पर गाड़ियों में आग लगा दी गई.
डीसी-एसपी, एसडीओ निकले शहर में
हालात को देखते हुए जगह- जगह पुलिस की तैनाती की जा रही है. जिले के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त हालात का जायजा लेने सड़कों पर निकले हैं.
लोहरदगा के पुलिस अधीक्षक आलोक ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है. सड़कों पर उत्पात करने वालों को खदेड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सीएए के समर्थन में जुलूस निकाला गया था. जुलूस शहर के अमलाटोली इलाके में पहुंचा, तो शरारती तत्वों ने पथराव किया. इसके बाद दो गुट आमने- सामने हो गए.
माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की गई, लेकिन पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. वे खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने मातहत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं. सभी थानों को सतर्क कर दिया गया है. सड़कों पर पुलिस मार्च कर रही है. महिला पुलिस को भी तैनात किया गया है.
इधर पथराव के बाद भगदड़ का माहौल बना है. हालात को काबू में करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. पथराव से कम से कम दो दर्जन लोगों को चोट पहुंची है. सभी घायलों का सदर अस्पताल में इलाज कराया गया है. कुछ को ज्यादा चोट लगी है, लिहाजा उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया है.
कई घरों- दुकानों में आग लगाए जाने के बाद दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे रहे. लोहरदगा बड़ी मस्जिद से लेकर सदर अस्पताल के गेट तक सड़क रोड़ा पत्थर से अटी पड़ी है.
इससे पहले जुलूस में शामिल लोग पथराव के विरोध में नारे लगाते रहे. वे शरारती तत्वों को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े थे. पुलिस उन्हें वापस लौटने को कहती रही. पथराव की यह घटना देखते ही देखते झड़पों में बदल गई. बहुत से लोग लाठी-डंडे लिए सड़कों पर नजर आए, जिन्हें पुलिस ने मौके पर खदेड़ दिया. कई दुकानों के शटर तोड़ डाले गए हैं.
शहर के कई व्यापारी घायल
पथराव में शहर के व्यवसायी दीपक सर्राफ, बीजेपी नेता रितेश प्रसाद सिंह, जदयू के नेता रितेश कुमार, सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल, ताईक्वांडो महासंघ के महासचिव अजय महतो को भी चोट पहुंची हैं. जबकि पथराव से महिलाएं इधर-उधर भागने लगीं. इस बीच अमलाटोली में ही कुछ घरों के दरवाजे तोड़ने की कोशिशें हुई. कई गाड़ियों में आग लगी दी गई है. पुलिस की गाड़ी पर भी पथराव एवं क्षतिग्रस्त किया गया है. अमलाटोली में उपद्रवियों को खदेड़ा जा रहा है. शहर की सभी दुकानें बंद हो गई हैं. बाजार में निकले लोग घरों को लौट रहे हैं. अमन- चैन पसंद लोग बीच-बचाव के प्रयास में जुटे रहे, उनकी भी कोशिशें नाकाम होती रही.
उपद्रवी एक समुदाय विशेष की दुकानों में लूटपाट करने लगे. घरों को निशाना बनाने की कोशिशें की गई. पथराव मे कई पुलिसकर्मियों को भी चोट पहुंची है. हालात बिगड़ने पर अतिरक्त पुलिस बलों को बुलाया गया. जुलूस समर्थकों का आरोप है कि सोची समझी तैयारी के साथ हमला किया गया. साथ ही एक समुदाय विशेष के घरों दुकानों पर हमला, आगजनी की घटना को अंजाम दिया गयाम उपद्रवी लाठी- डंडे से लैस होकर सड़कों पर निकले थे, जिससे दहशत बना रहा.
समर्थन- विरोध का सिलसिला
गौरतलब है कि झारखंड के अलग- अलग जगहों में पखवाड़े भर से सीएए के समर्थन-विरोध में जुलूस प्रदर्शन का दौर जारी है. दो दिनों पहले हजारीबाग में सीएए के समर्थन में बड़ी सभा की गई थी. वहां हजारों लोग जुटे थे. डालटनगंज, कोडरमा, दुमका, पाकुड़, राजमहल, चक्रधरपुर, रांची, गिरिडीह, बेरमो, रामगढ़ में भी जुलूस निकाला जा चुका है. बीते दिनों गिरिडीह में भी जुलूस के दौरान पथराव की घटना से माहौल बिगड़ गया था. बीजेपी के सांसद, विधायक समर्थन में लगातार सड़कों पर उतर रहे हैं.
इधर रांची में मुस्लिम महिलाएं शाहीनबाग की तर्ज पर सीएए एनआरसी के विरोध में बेमियादी धरने पर बैठी हैं. सीएए, एनआरसी के विरोध में विपक्षी दलों तथा कई संगठनों के लोग सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.