रांची: राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण तथा आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण किया. इस मौके पर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी एवं विभाग के सभी पदाधिकारी भी मौजूद थे.
पत्रकारों से बातचीत में बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे मंत्री की हैसियत से कम और मानवीय दृष्टिकोण से ज्यादा काम करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि अधिकारियों के साथ मित्रवत व्यवहार के साथ समन्वय की स्थिति पैदाकर एक-दूसरे के साथ सहयोग देकर और सहयोग लेकर स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त खामियां और कमी को दूर करने का प्रयास करेंगे.
एक प्रश्न के उत्तर में डॉक्टरों को पृथ्वी पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, सरकार उनकी कठिनाईयों को दूर करेगी और शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड में करोना वायरस का अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है, इसके बावजूद विभाग इसपर गंभीरतापूर्वक नजर रखे हुए है, इसके रोकथम को लेकर एहतियातन कई कदम उठाये गये है. उन्होंने इलाज के अभाव में एक बच्ची की मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए ऐसी घटनाओं की पुनरावृति परअंकुश लगाने के लए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्री अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए गुप् ता ने कहा कि वे एक-दो अस्पतालों का नहीं, समूचे झारखंड की सेहत सुधारेंगे. पदभार लेने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने नेपाल हाउस में एक समीक्षा बैठक की, इस दौरान विभागीय अफसर के साथ ही रिम्स के निर्देशक भी मौजूद रहे. स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमारी सबसे पहली प्राथमिकता चिकित्सकों का दिल जीतने की होगी. हम चिकित्सकों का दिल जीतें और चिकित्सक मरीज का, इसी दिशा में मिलकर काम करना है ताकि एक सुखद परंपरा का निर्माण हो सके. बन्ना गुप्ता ने कहा स्वास्थ्य विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है. हमारी कोशिश होगी कि जो मरीज आईसीयू में एडमिट है वे जल्द से जल्द बेड पर जाएं और वहां से मुस्कुराते हुए घर जाएं.
उन्होंने माना कि राज्य में चिकित्सकों की कमी है कहा, उस पर हमें गंभीरता पूर्वक काम करना होगा. सरकार का दायित्व शासन करना नहीं बल्कि सेवा करना है. सेवा के माध्यम से डाकू को भी संत बनाया जा सकता है. सरकार शक्ति से काम में विश्वास नहीं करती. उन्होंने कहा कि वे विज्ञापन के माध्यम से सस्ती लोकप्रियता हासिल कर काम को परिभाषित नहीं करेंगे, सरकार के काम का फलाफल लोगों को मिलेगा.