◆ जिला प्रशासन का उद्देश्य गुमला जिले को पॉल्ट्री हब बनाना है : उपायुक्त
◆ महिला विकास मंडल एवं स्वयं सहायता समूह के रूप में कार्यरत संगठन पूरे गुमला जिले में सबसे मबजूत : उपायुक्त
गुमला: आकांक्षी जिला योजना के तहत विशेष केंद्रीय सहायता मद से ब्रायलर मुर्गीपालन हेतु शेड का उद्घाटन समारोह पालकोट प्रखंड के आदर्श ग्राम अलंकेरा के खुटियारी में 02 फरवरी 2020 दिन रविवार को आयोजित किया गया. इस अवसर पर उपायुक्त गुमला शशि रंजन, जिला योजना पदाधिकारी सह निदेशक डीआरडीए हैदर अली तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी पालकोट शंकर एक्का ने संयुक्त रूप से मुर्गी शेड का उद्घाटन किया.
उद्घाटन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि पूरे गुमला जिले में लगभग 400 परिवारों को मुर्गीपालन हेतु शेड जिला प्रशासन की ओर से दिया गया है. उन्होंने कहा कि गुमला जिले का महिला विकास मंडल एवं स्वयं सहायता समूह के रूप में जो संगठन कार्यरत है वो पूरे गुमला जिले में सबसे मबजूत एवं पूरे झारखंड राज्य में सबसे बेहतर समूह है. उन्होंने गुमला जिले की महिला संगठनों का मिसाल देते हुए कहा कि जब भी मैं बाहर के राज्यों में जाता हूं तो वहां के लोगों से यही कहता हूं कि यदि आपको महिलाओं का समूह देखना है तो एक बार गुमला जिला जरूर आएं.
उन्होंने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुमला जिलांतर्गत विभिन्न महिला विकास मंडलों एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बाहर के राज्यों यथा- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों में जाकर वहां की महिलाओं को समूह में रहकर कार्य करने का प्रशिक्षण भी दे रही हैं.
उन्होंने समूह का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक इंसान एक समूह से जुड़ता है तब वह इंसान मजबूत बन जाता है. उन्होंने आगे कहा कि गुमला जिले में कोई उद्योग व्यापार नहीं है, क्योंकि यहां रहने वाले लोग खेतीबारी के कार्यों, मजदूरी व अन्य कार्यों से होने वाले आमदनी से अपना जीवन यापन करते हैं. लोगों के पास इनके अलावा आमदनी बढ़ाने के अन्य कोई साधन उपलब्ध नहीं हैं. अतः लोगों की आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से ही जिला प्रशासन ने मुर्गीपालन से लोगों को जोड़ने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने हेतु यह कदम उठाया है. उपायुक्त ने रायडीह प्रखंड के सिलम पंचायत की चर्चा करते हुए कहा कि सिलम पंचायत के प्रत्येक परिवार के पास आज मुर्गीपालन हेतु शेड उपल्बध है. इसी के तर्ज पर जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि गुमला जिले के तमाम सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंचकर वहां के लोगों को मुर्गीपालन, सिंचाई व अन्य व्यवसाय से जोड़कर न सिर्फ लोगों की आमदनी बढ़ाना है अपितु उन्हें सशक्त भी बनाना है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य गुमला जिले को पॉल्ट्री हब बनाना है. मौके पर उपस्थित सभी ग्रामीणों से उन्होंने कहा कि शेड पाने के बाद उसके रख-रखाव, साफ-सफाई तथा मुर्गियों एवं चूजों के दाना-पानी की जिम्मेदारी आपकी है. मुर्गियों को स्वस्थ, हृष्ट-पुष्ट बनाने में आपकी मेहनत जरूरी है. उन्होंने ग्रामीणों से शेड का इस्तेमाल केवल मुर्गीपालन के कार्यों में ही करने की अपील की.
मौके पर जिला योजना पदाधिकारी सह निर्देशक डीआरडीए हैदर अली ने ग्रामीणों संग मुर्गीपालन से होने वाले मुनाफे की जानकारी साझा करते हुए अधिक से अधिक संख्या में लोगों को मुर्गीपालन व्यवसाय से जुड़ने की अपील की.
उद्घाटन समारोह के अवसर पर उपायुक्त शशि रंजन सहित जिला योजना पदाधिकारी सह डीआरडीए निदेशक हैदर अली, प्रखंड विकास पदाधिकारी पालकोट शंकर एक्का, एडीएफ शीर्षक मोहंती, प्रदान के राजीव रंजन, प्रकाश कुमार रवि, अर्जुन, उमेश, सुसेना, भगवती, राकेश व सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे.