रांची: राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिले के लोगों को जमीन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला लाल संजय नाथ शाहदेव और उसका सहयोगी विजय सिन्हा पर 8 फरवरी 20 को राष्ट्रीय लोक अदालत फैसला सुना सकता है . इस दिन 68 लाख रुपये ठगी के मामले में फैसला आने की उम्मीद है .
कौन है लाल संजय नाथ शाहदेव?
लोहरदगा के सिकमी के रहने वाले लाल संजय नाथ शाहदेव का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब रांची से सटे कमङे, झिरी चौक निवासी मणिशंकर प्रसाद और उनकी पत्नी गीता देवी ने एक साथ जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की, जििसमे मणिशंकर प्रसाद की मौत अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गई जबकि पत्नी गीता देवी ने चार दिन बाद रिम्स में दम तोड़ दिया.
आत्महत्या से पहले मणिशंकर प्रसाद और उनकी पत्नी गीता देवी ने एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि कैसे पार्टनर लाल संजय नाथ शाहदेव ने रिंग रोड के एक जमीन के मामले में उसके साथ धोखाधड़ी की.
मणिशंकर प्रसाद और उनकी पत्नी गीता देवी ने सुसाइड नोट में लिखा था कि लाल संजय नाथ शाहदेव ने धमकी दी कि अगर उसने जुबान खोली तो बेटी और पत्नी को उठवा लेगा. इसी प्रताड़ना से तंग आकर मणिशंकर प्रसाद और उनकी पत्नी गीता देवी ने ज़हर खाकर जान दे दी.
सुखदेव नगर थाने में डॉक्टर प्रशांत का मामला
रांची श्रद्धानंद रोड के रहने वाले डॉक्टर प्रशांत ने सुखदेव नगर थाने में FIR दर्ज कराई (FIR No.:- 191/17) कि लोहरदगा के रहने वाले लाल संजय नाथ शाहदेव ने फर्जी कागजात बनाकर उनके मकान को बेच डाला. यह करीब 80 लाख रुपये की ठगी का मामला है.
आदिवासी जमीन को भी अपने नाम करवा लिया
लाल संजय नाथ शाहदेव के खिलाफ़ सबसे सनसनीखेज मामला तत्कालीन एसडीओ भोर सिंह यादव ने पकड़ा. हेहल में आदिवासी गनी उरावं की करीब पांच एकङ जमीन को बिना उसकी जानकारी के पहले ग़ैर-मजरुआ दिखाया गया, और फिर उस ग़ैर-मजरुआ जमीन को गैर-आदिवासी लाल संजय नाथ शाहदेव के नाम रजिस्ट्री कर दिया गया. जमीन का म्यूटेशन भी लाल संजय नाथ शाहदेव के नाम हो गया.
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. प्रदीप कुमार ने हेहल अंचल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने जमीन के म्यूटेशन से संबंधित कई गड़बड़ियां पकड़ीं। इसके बाद उन्होंने सीओ अनिल कुमार सिंह को हटाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. साथ सरकार से उन्हें निलंबित करने और विभागीय कार्यवाही चलाने की अनुशंसा की. इस मामले में तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर राजेश्वर सिंह और राजस्व कर्मचारी सरफराज अहमद को भी निलंबित कर उनके खिलाफ एसटी-एससी एट्रोसाइटिस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश सदर एसडीओ भोर सिंह यादव को दिया है.
आयुक्त ने कहा कि सीओ ने 15 आदिवासियों की जमीन का म्यूटेशन गैर आदिवासियों के नाम कर दिया है. रिकार्ड मांगे जाने पर सीओ ने लिंक फेल होने का बहाना बना दिया.
इसके अलावा हेसल मौजा के खाता संख्या 01 प्लाट संख्या-797 के तहत कुल 1.38 एकड़ गैरमजरूआ जमीन को लाल संजय नाथ शाहदेव के साथ जमाबंदी कायम कर लगान रसीद भी निर्गत कर दी गई है.
धुर्वा थाना रांची में 70 लाख रुपये ठगी का FIR दर्ज है
धुर्वा के रहने वाले 64 वर्ष के बुजुर्ग विजय सिंह ने लाल संजय नाथ शाहदेव के खिलाफ़ FIR (FIR No.:- 290/17) दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि ओरमाझी में जमीन दिलाने के नाम पर विजय सिन्हा और लाल संजय नाथ शाहदेव ने उनसे 60 लाख 60 हजार रुपये की ठगी की है. पैसा वापस मांगने पर परिवार सहित जान से मारने की धमकी देता है .
पुलिसिया जांच में ये पता चला कि लाल संजय नाथ शाहदेव ने विजय सिंह से 60 लाख, गिरिडीह के रहने वाले रिटायर इंजीनियर विजय शर्मा से 7 लाख 67 हजार, सिमडेगा में पोस्टेड जितेन्द्र प्रसाद और उनकी पत्नी कंचन देवी से 6 लाख और स्टेट बैंक से रिटायर हुए भगीरथ प्रसाद से करीब 13 लाख रुपये की ठगी की है
अब तक लगभग 8 करोड़ की ठगी
जानकारी के अनुसार लाल संजय नाथ शाहदेव ने अबतक करीब सात से आठ करोड़ रुपये की ठगी की है. हैरानी की बात है कि ये शातिर ठग हर केस के बाद जमानत लेकर बाहर आ जाता है और एक नये शिकार की तलाश कर लेता है. लाल संजय नाथ शाहदेव हर बार अलग-अलग लोगों के साथ मिलकर ठगी करता है.
ज्यातर रिटायर और बुजुर्गों बनते है ऐसे मामलों के शिकार
ऐसे मामलों में ज्यादातर रिटायर और बुजुर्ग लोग ठगी के शिकार हो जाते है. पहले तो अपराधी टीम बनाकर अपने आसपास ऐसे लोगो को खोजता है जो बुजुर्ग हो और जिसके पास पैसा हो. फिर ऐसे लोगों को अच्छी और सस्ती जमीन दिलवाने के नाम पर झांसे में लेकर पैसा ले लिया जाता है.