चंडीगढ़: सिविल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट लुधियाना के छात्रों को बड़ा झटका मिला है. अब हरियाणा में डिग्री मान्य नहीं होगी . हरियाणा में पंजाब के इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग लुधियाना की सभी डिप्लोमा और डिग्री मान्य नहीं होंगी. 31 मई 2013 तक संस्थान में पंजीकृत छात्रों के ही डिग्री, डिप्लोमा को सही माना जाएगा. इन्हें ही हरियाणा में नौकरी मिल सकेगी.
31 मई 2013 के बाद के डिग्री धारकों को सरकार के निर्णय से बड़ा झटका लगा है. हरियाणा सरकार ने मानव संसाधान विकास मंत्रालय के निर्णय अनुसार कार्रवाई अमल में लाई है. चूंकि, मई 2013 के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग लुधियाना के पास मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संबद्धता नहीं थी.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छह दिसंबर 2012 को एक पत्र जारी कर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा लेने वाले सभी संस्थानों की संबद्घता वापस ले ली थी. साथ ही आदेश जारी कर दिए थे कि पहली जून 2013 के बाद केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए संबंधित संस्थानों के डिग्री, डिप्लोमा मान्य नहीं होंगे.
एआईसीटीई यानि ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन भी इस संबंध में निर्णय ले चुका है. केंद्र सरकार ने अपने इस फैसले से हरियाणा सरकार को 20 दिसंबर 2019 को पत्र के जरिए अवगत करा दिया है.
पत्र में बताया गया है कि एआईसीटीई ने अगस्त 2017 में ही इस बारे में पब्लिक नोटिस भी निकाल दिया था. जिसमें साफ बताया जा चुका है कि 31 मई 2013 तक ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तकनीकी शिक्षा संस्थानों को संबद्धता थी, इसलिए संबंधित तारीख तक पंजीकृत छात्रों की डिग्री, डिप्लोमा ही मान्य होंगे.
हरियाणा की मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, डीसी व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार के निर्णय को राज्य में भी लागू किया जाए. आदेशों की उल्लंघना न हो, इसलिए सभी विभागों को इसके बारे में अवगत कराएं.