कांग्रेस ने एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से संकट में फंसी कर्नाटक की 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने की अंतिम कोशिश के तहत सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और असंतुष्ट विधायकों को उसमें जगह देने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उसके मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया है कि कांग्रेस के 21 मंत्रियों की तरह जेडीएस के भी सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया हैँ।
कुमारस्वामी ने ट्वीट करके बताया कि जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल होगा। बेंगलुरु में उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर के निवास पर हुई कांग्रेस मंत्रियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेताओं से बातचीत की।
कर्नाटक का सियासी ‘नाटक’ रविवार को भी जारी रहा. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बेंगलुरु के ताज वेस्ट एंड होटल में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. वहीं कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) से इस्तीफा दे चुके विधायकों ने कहा कि उनके दोबारा बेंगलुरु लौटने और इस्तीफा वापस लेने का कोई सवाल नहीं है. हालांकि बीजेपी इस पूरे मामले पर वेट एंड वॉच की मुद्रा में है. हालांकि बीजेपी कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष येदियुरप्पा ने तमुकुर जिले के सिद्धगंगा मठ में अपने समर्थकों को विक्ट्री साइन दिखाकर उनका अभिवादन किया. विधानसभा स्पीकर छुट्टी पर हैं और मंगलवार को इस्तीफों पर फैसला ले सकते हैं लेकिन सोमवार का दिन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के लिए बेहद अहम है. दोनों पार्टियां लगातार नाराज विधायकों से बात करके उन्हें मनाकर वापस लाने की कोशिश कर रही हैं. सियासी संकट के बीच कर्नाटक सरकार के मंत्री रहमान खान सोमवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे. वह भी कुछ मुद्दों पर वेणुगोपाल से चर्चा करना चाहते हैं.
इसके अलावा कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने अपने आवास पर सुबह 9.30 बजे कांग्रेस के सभी मंत्रियों को चर्चा के लिए बुलाया है. उम्मीद है कि इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. कर्नाटक के गृह मंत्री एमबी पाटिल ने कानूनी सलाह लेने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि क्या गठबंधन कोर्ट जा सकता है, इसके लिए कानूनी सलाह भी ली जाएगी. हालांकि दोनों पार्टियों के कई नेताओं ने यह भी कहा कि विधायकों को मनाकर वापस बुला लिया जाएगा और सरकार पूरी तरह सुरक्षित है.
इसके अलावा मंगलवार को भी कांग्रेस की अहम बैठक होगी, जिसमें सभी 78 विधायकों को बुलाया गया है. 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली कुमारस्वामी सरकार गिरने की कगार तक पहुंच गई है. लिहाजा सोमवार का दिन बेहद अहम रहेगा. अगर विधायक अपना फैसला बदल लेते हैं तो कुमारस्वामी सरकार से खतरे के बादल खत्म हो जाएंगे. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो पार्टी का अल्पमत में आना तय माना जा रहा है.
बागी विधायक समझने को तैयार नहीं
कर्नाटक संकट के बीच बागी विधायक मुंबई में हैं. उन्होंने कहा कि हम 10 लोग यहां हैं. हम इस्तीफा दे चुके हैं और इस बारे में राज्यपाल को भी बता दिया है. हम सभी साथ हैं. रामलिंगा, आनंद सिंह और मुनीरत्ना सोमवार को मुंबई आएंगे. सोमशेखर ने कहा, हम 13 विधायक इस्तीफा वापस नहीं लेंगे और न ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा लेंगे.
सोमशेखर ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री बदलने की मांग भी नहीं की. 12 जुलाई से कर्नाटक विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है. स्पीकर ने फिलहाल इन विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए हैं. लेकिन सत्र के दौरान इस पर चर्चा जरूर होगी. अगर कुमारस्वामी सरकार से बहुमत साबित करने को कहा गया और वह ऐसा नहीं कर पाई तो सरकार गिर जाएगी.
यह है इनका गणित
225 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में गठबंधन सरकार के 118 विधायक थे. यह बहुमत के आंकड़े 113 से पांच ज्यादा है. कांग्रेस के 80 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित) हैं. जबकि 37 विधायक जेडीएस के हैं. अन्य तीन विधायक बहुजन समाज पार्टी, कर्नाटक प्रगन्यवंथा जनता पार्टी और एक निर्दलीय विधायक है. बीजेपी के 105 विधायक हैं.
कांग्रेस के 10 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जिससे उसके विधायकों की संख्या 70 हो गई है. जबकि जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है और उसके सदस्य 34 हो गए हैं. दोनों पार्टियों के अब मिलाकर 106 विधायक हैं, जिनमें बसपा, प्रगन्यवंथा जनता पार्टी और एक निर्दलीय विधायक शामिल है.