नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय के पास अब सैन्य वर्दी पहनने वाले संयुक्त सचिव होंगे. इससे जुड़ा प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि सेना, नौसेना और वायु सेना के तीन प्रमुख जनरल-रैंक के अधिकारियों को अपने बलों से संबंधित नौकरशाही कार्य की देखभाल करने के लिए नियुक्ति की जाए.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के तहत नव-निर्मित सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) 17 फरवरी से शुरू होने वाली संसदीय स्थायी समिति की बैठक में इस पर प्रस्तुति देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मेजर जनरल नारायणन, रियर एडमिरल आरके धीर और एयर वाइस मार्शल एसके झा सहित डीएमए के तीन संयुक्त सचिवों की नियुक्ति का प्रस्ताव अंतिम अनुमोदन के लिए सरकार को भेजा गया है.
सूत्रों ने कहा कि डीएमए ने वहां अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्ति के लिए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी भेजा है. सीडीएस में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी हैं जिनमें डीएमए में कार्यरत राजीव सिंह ठाकुर और शांतनु सहित अन्य कर्मचारी सशस्त्र बल मुख्यालय के कैडर से हैं, जो वहां महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं.
सीडीएस ने नागरिक और सैन्य संयुक्त सचिवों के बीच काम को इस तरह से विभाजित किया है, जहां आईएएस अधिकारी ज्यादातर संबंधित मंत्रालय और नागरिक विभागों से निपटने के लिए काम करते हैं.
सूत्रों ने कहा कि संसदीय कार्य आईएएस अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. जहां लोकसभा और राज्यसभा के सवालों के जवाब उनके द्वारा समन्वित किए जा रहे हैं और वे स्थायी समिति की बैठकों की तैयारी भी करेंगे.
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय की तीन सेवाओं से संबंधित अधिकांश कार्य डीएमए के पास आए हैं, जबकि बचे हुए कार्य को रक्षा विभाग में संयुक्त सचिव (सशस्त्र बल) को सौंपा गया है.