आशका पटेल
रांची, 8 जुलाई : महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये देश भर में महिला आयोग स्थापित है और झारखंड में भी महिला आयोग मौजूद है लेकिन कई आयोग की तरह यहाँ भी कई केस पेंडिंग पड़े है । वैसे इसके लिये पूर्व के अध्यक्ष या फिर मैनपॉवर जैसे कई कारण गिनाएं जा सकते है। जबकि वर्तमान महिला आयोग की अध्यक्ष समस्या समाधान की दिशा में अपनी पीठ थपथपाती दिखीं ।
बी.एन.एन. भारत न्यूज़ के समक्ष झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने दावा किया कि जब से उन्होनें पद संभाला हैं, तब से आयोग द्वारा कई महिलाओं को न्याय दिलाया गया है। अब सवाल था कि महिलाओं के बीच आयोग को लेकर जागरुकता का अभाव है, तो इसके जबाब में अध्यक्ष का कहना है की इसके बारे मे अधिकांश महिलाओं को पता हैं।
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इसके लिए आयोग ने कई व्यवस्था भी की है- जौसे कि ई-मेल ,पत्राचार और आयोग की टीम दूर-दराज के इलाके में भी जाकर ओपेंन कोर्ट लगा कर पीड़ित महिलाओं को आयोग न्याय दिलाता हैं।आयोग के पास झारखंड में 7000 केस हैं।
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अध्यक्ष ने कहा कि “झारखंड के भिन्न-भिन्न जिलों से इनके पास महिलाओं की शिकायत आती है कि महिला थाना खुला तो है पर शिकायत करने पर कोई सुनवाई नही होती या दर्जं मामलों पर भी कोई करवाई नहीं की जाती है। उन्होंने सहज ये स्वीकार किया की राज्य के सभी महिला थाना का कार्य संतोषजनक नहीं है ।” इस सन्दर्भं में आयोग ने महिला थानों को निर्देश भी दिया है की कानून का पालन करें और हर एक फरयादि का आवेदन स्वीकार करें और त्वरित करवाई भी हो । जिससे महिलाओं को न्याय के लिए दर -दर की ठोकरे ना खानी पड़े।
आयोग के पास झारखंड में कई तरह के मामलें आते है जिसमें शारिरिक शोषण, डाय़न बता कर पडताड़ना ,जमीन घर से बेदख़ल की शिकायत के साथ -साथ परिवारिक मामलें जैसे कई केस शामिल है ।